फरवरी माह में ही तल्ख हुई सूरज की किरण, घटेगा उत्पादन
कौशांबी फरवरी माह में गुनगुनी ठंड रहती थी। ठंडापन रबी की फसल के लिए लाभदायक होता
कौशांबी : फरवरी माह में गुनगुनी ठंड रहती थी। ठंडापन रबी की फसल के लिए लाभदायक होता है। लेकिन, इस बार जलवायु परिवर्तन के कारण फरवरी में तापमान 33-34 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। मौसम में अचानक आए बदलाव को लेकर किसान किसान चितित है। कृषि वैज्ञानिकों को कहना है। मौसम गर्म होने से फसल उत्पादन में प्रभाव पड़ेगा।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि जलवायु परिवर्तन होने से मौसम गर्म हो गया है। इससे रबी फसलों पर खतरा मंडरा रहा है। कर्क रेखा के निकट होने से प्रयागराज मंडल में गर्मी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में फसलों के उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार 28 फरवरी को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रहा है। कहा कि मार्च माह में गेहूं के पकने का समय होता है। इन दिनों गुलाबी ठंड होनी चाहिए। लेकिन कड़ी धूप से गेहूं के उत्पादन में कमी आएगी। वहीं, दलहन ओर तिलहन के फसल के लिए गर्मी का भी प्रभाव पड़ेगा। बढ़ता तापमान से अनाज की पैदावार कम होने की संभावना है। कहा गेहूं, जौ और सरसों की का उत्पादन कम होगा। जनपद में मुख्य रूप से गेहूं, सरसों, मटर, और आलू की फसल होती है। इन दिनों गेहूं, और सरसों की फसल पकने के लिए तैयार है, जबकि मटर और आलू की फसल पक चुकी है, और खुदाई जोरों पर है। इस समय बढ़ता तापमान गेहूं, जौ और सरसों की पैदावार प्रभावित कर रहा है। फरवरी माह में ठंड रहती थी। जो रबी की फसल के लिए लाभ दायक रहता था। इस बार मौसम गर्म हो गया है। जो फसलों के लिए नुकसान दायक है।
जयकरन सिंह कड़ी धूप से गेहूं के फसल का उत्पादन कम होगा। साथ ही दलहन ओर तिलहन के फसल के लिए गर्मी का प्रभाव रहेगा।
कल्लू प्रसाद मटर और आलू की फसल पक चुकी है, और खुदाई जोरों पर है। इस समय बढ़ते तापमान से गेहूं, जौ और सरसों की पैदावार प्रभावित होगी
भोला सिंह गेहूं की बोआई देर से किया था। अब दाने निकल रहे हैं। अचानक मौसम गर्म हो गया है। इसकी वजह से पानी अधिक लगेगा। साथ ही उत्पादन भी कम होगा।
बरमदीन