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सहेजे ताल का पानी तो सालों हरी भरी रहेगी धरती

कौशांबी सिराथू तहसील के मोंगरी कड़ा गांव से सटा ताल जिले में अलवारा झील के बाद पानी

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Apr 2021 11:16 PM (IST)Updated: Wed, 07 Apr 2021 11:16 PM (IST)
सहेजे ताल का पानी तो सालों हरी भरी रहेगी धरती
सहेजे ताल का पानी तो सालों हरी भरी रहेगी धरती

कौशांबी : सिराथू तहसील के मोंगरी कड़ा गांव से सटा ताल जिले में अलवारा झील के बाद पानी के संचयन का सबसे बड़ा स्थान है। यहां बारिश का पानी करीब 3500 बीघे में फैल जाता है। आलम यह होता है कि किसानों को अपनी फसल तैयार करने के लिए पानी को निकालना पड़ता है। यदि इस पानी के संचयन की कोई योजना बने तो यह मोंगरी कड़ा गांव के साथ-साथ फतेहपुर व कौशांबी के करीब एक दर्जन गांव की पेयजल समस्या का निदान कर सकता है, लेकिन इस ओर आज तक विचार ही नहीं किया गया। हर साल पानी बर्बाद हो जाता है।

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मोगरी कड़ा का ताल कौशांबी व फतेहपुर जनपद के बार्डर में स्थित है। इसके किनारे पर कौशांबी जिले के मोंगरी कड़ा गांव के साथ ही उदहिन खुर्द, मिर्जापुर जवई, जगन्नाथपुर व फतेहपुर के केवटमई, दिलदार का पूरा, सेमरहटा आदि गांव पड़ते हैं। मोंगरी कड़ा के ताल में पूरे साल फसल नहीं होती। केवल बारिश के मौसम में ही धान की फसल तैयार होती है। कुछ स्थानों पर निजी नलकूप हो गए है। ऐसे में थोड़ी बहुत खेती हमेशा होती है। करीब 3500 बीघे क्षेत्रफल में फैले मोंगरी कड़ा के ताल की अधिकांश भूमि किसानों के नाम दर्ज हैं। केवल दो हेक्टेयर का क्षेत्रफल ही ताल के नाम पर दर्ज है। हालांकि, इस ताल की गहराई बेहद कम है, लेकिन फिर भी यहां पूरे साल पानी रहता है। बारिश के दिनों में किसान खेतों में धान लगाने के लिए ताल के पानी को निकाल देते हैं। इसके लिए मोंगरी कड़ा गांव के पीछे से जगन्नाथपुर होते हुए एक नहर बनाई गई है, जो सीधे ससुर खदेरी नदी में धमावां गांव के पास मिलती है। ताल के पानी को निकालने के लिए पूरब दिशा की ओर एक नहर का निर्माण किया गया था, जो मंझनपुर के निकट किलनहाई नदी में मिलता था। पानी के बहाव की दिशा सही न होने के कारण यह प्रयोग सफल नहीं रहा।

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जल संचयन से दूर हो सकती है समस्या

मोंगरी कड़ा के ताल में जमा होने वाले बारिश के पानी को लेकर यदि उचित योजना बनाते हुए संचय किया जाए तो यह बेहद कारगर हो सकता है। ताल के आसपास के गांव को खेती के लिए पूरे साल पानी मिल सकता है। साथ ही वाटर रिचार्ज भी बेहतर होगा। जरूरत है किसानों को इस बात के लिए प्रेरित करने की, कि वह पानी को किसी प्रकार आने के लिए उपयोगी बनाएं। मत्स्य पालन व अन्य तरीके के लाभ बताकर पानी को उनके खेतों में रोकने से समस्या का समाधान हो सकता है।

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बोले किसान

मोंगरी कड़ा की भूमि किसानों की है। ऐसे में इस पर किसी का जोर नहीं होता। बारिश में जमा पानी नदी के रास्ते बह जाता है।

- फूल सिंह

पानी की जरूरत को तो हम समझते हैं। गर्मी के दिनों में जब तालाब में पानी नहीं होता तो परेशानी होती है, लेकिन खेती भी जरूरी है।

- लालमन

किसानों के लिए जिस प्रकार से पानी जरूरी है, उसी तरह खेत खलिहान। सरकार इस पानी को कहीं दूसरे स्थान पर संचय करे तो बेहतर परिणाम मिलेगा।

- आकाश सिंह

पानी जरूरी है पर हमारे परिवार के लिए इस भूमि में फसल उगाना भी जरूरी है। इसके लिए योजना बनाकर जल संचयन करना होगा। जिससे किसानों के हित के साथ ही पानी भी बचाया जा सके।

- लाला यादव


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