कार्रवाई की जद में आए तो इकाइयां लगाने को आगे बढ़े
पुराने औद्योगिक क्षेत्र परसरा और मखऊपुर में जिन उद्यमियों ने वर्षों से प्लाट आवंटित कराने के बावजूद इकाइयां नहीं स्थापित कीं। उन पर जब प्रशासन ने कार्रवाई की तो खलबली मच गई। उद्यमियों ने अब धीरे-धीरे इकाइयां लगाने के लिए आगे आना शुरू कर दिए हैं। मखऊपुर में एक वाटर प्लांट लगना चालू हो गया है। मेटल की बंद इकाई भी जल्द प्रारंभ करने के लिए उद्यमी ने प्रशासन और उद्योग विभाग को शपथ पत्र दिया है।
जागरण संवाददाता, कौशांबी : पुराने औद्योगिक क्षेत्र परसरा और मखऊपुर में जिन उद्यमियों ने वर्षों से प्लाट आवंटित कराने के बावजूद इकाइयां नहीं स्थापित कीं। उन पर जब प्रशासन ने कार्रवाई की तो खलबली मच गई। उद्यमियों ने अब धीरे-धीरे इकाइयां लगाने के लिए आगे आना शुरू कर दिए हैं। मखऊपुर में एक वाटर प्लांट लगना चालू हो गया है। मेटल की बंद इकाई भी जल्द प्रारंभ करने के लिए उद्यमी ने प्रशासन और उद्योग विभाग को शपथ पत्र दिया है।
भरवारी क्षेत्र के परसरा और पिपरी इलाके के मखऊपुर को पुराना औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है। मखऊपुर में 34 और परसरा में कुल 56 प्लाट उद्यमियों को आवंटित किए गए थे। यह आवंटन वर्ष 2001 के आसपास उद्योग विभाग द्वारा किया गया था। दो-तीन उद्यमियों को छोड़कर बाकी ने इकाइयां नहीं स्थापित कीं। करोड़ों की सरकारी जमीन पर 'कुंडली' मारकर बैठे उद्यमियों पर जब डीएम सुजीत कुमार द्वारा सख्ती की गई तो विभाग ने उनके प्लाटों का आवंटन निरस्त कर दिया। इससे घबराए उद्यमियों न जब फरियाद लगाई तो इस शर्त पर उनके आवंटन बहाल किए गए कि वह दो-तीन महीने में इकाइयां स्थापित करेंगे। उसके बाद परसरा में एक फ्लोर मिल और एक नमकीन मिल शुरू की गई। वहीं, सोहबतियाबाग प्रयागराज निवासी विवेक सिंह द्वारा मखऊपुर में लगभग ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि पर वाटर प्लांट लगवाने की कार्रवाई शुरू की गई है। उपायुक्त उद्योग एस सिद्दीकी ने बताया कि वाटर प्लांट लगाने में लगभग 40 लाख रुपये की लागत आएगी। 15 दिन में प्लांट चालू होने की उम्मीद है। इसमें 25 से 30 लोगों को रोजगार मिलेगा। बताया कि यहीं कोरोना काल में बंद हुई श्याम मेटल इंजीनियरिग वर्क्स लिमिटेड फिर से शुरू करने के लिए सहमति दी गई है। इसमें 20-25 कर्मचारी पहले से कार्यरत थे। उन्हें उद्यमी द्वारा काम दिया जाएगा।