बाढ़ से बर्बाद हुई सैकड़ों बीघे फसल, ¨चतित किसान
संसू, पुरखास : यमुना के घट रहे जलस्तर तराई क्षेत्र के किसानों के मन से बाढ़ का भय भले ही खत्म हो गया है, लेकिन पानी मे डूबकर खराब हुई फसल देखकर अन्नदाता काफी ¨चतित है। यमुना के बढ़े जलस्तर ने ऐसा कहर बरपाया कि तराई गांव के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल नष्ट हो गई है।
संसू, पुरखास : यमुना के घट रहे जलस्तर तराई क्षेत्र के किसानों के मन से बाढ़ का भय भले ही खत्म हो गया है, लेकिन पानी मे डूबकर खराब हुई फसल देखकर अन्नदाता काफी ¨चतित है। यमुना के बढ़े जलस्तर ने ऐसा कहर बरपाया कि तराई गांव के किसानों की सैकड़ों बीघे फसल नष्ट हो गई है।
पहले यमुना उफान पर थी। मंगलवार आधी रात से यमुना के बढ़ते जलस्तर में कमी आई। यमुना नदी के किनारे बसे मल्हीपुर, पिपरहटा, नंदापुरवा आदि गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा अरहर, तिल, ज्वार, बाजरे की फसल पानी मे डूबकर बर्बाद हो चुकी है। पिपरहटा गांव के भंवर ¨सह, देवराज, सुन्नालाल, सैकू, सुंदरलाल, राम औतार, राम आधार, राम आसरे, शिवप्रसाद, गेंदालाल, रुद्रप्रसाद, श्रीनाथ आदि किसानों 40 बीघा अरहर, 70 बीघा बाजरा की फसल डूबकर जलमग्न हो गई है। इसी तरह मल्हीपुर गांव मे किलनहाई नदी में यमुना से आई बाढ से गांव के बच्चन, लल्लन, राकेश, हीरा, देवपत, नंदे, दिनेश, शिवबाबू, रामबाबू, प्रेम, उमेश, शिवभान आदि की सैकड़ों बीघा तिल, अरहर, ज्वार बाजरा की फसल खराब हो गई है।
तराई गांव के लोगों की फसल खराब होने से उन्हें केवल यह ¨चता सताने लगी है किसानों की माने तो खरीफ की फसल से वह साल भर वह अपने पेट के साथ गृहस्थी का पूरा खर्च भी चलाते थे, लेकिन अब वह परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगे। किसानों का कहना है कि तहसील प्रशासन सही तरीके से सर्वे कराए। जिन किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
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क्या कहते है एसडीएम
चायल एसडीएम अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि तराई क्षेत्र में बाढ़ से बर्बाद हुई फसल का सर्वे कराया जा रहा है। राजस्व कर्मियों की रिपोर्ट के आधार पर सिचित क्षेत्र के लिए छह हजार व असिचित क्षेत्र के लिए नौ हजार रुपये दिया जाएगा। जिन व्यक्तियों का घर बाढ़ से गिर गया है। उन्हें आवासीय सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।