17 हजार मजदूरों की नहीं होगी हैप्पी दीपावली
शैलेंद्र द्विवेदी : मनरेगा के तहत सरकार भले ही मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में शासन स्तर से सार्थक पहल भी की जा रही है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से काम के बाद भी हजारों मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिली। बजट न होने से धनतेरस व दीपावली पर खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। मजदूरों ने खंड विकास अधिकारियों से अपनी परेशानी बताई फिर भी भुगतान नहीं कराया गया।
शैलेंद्र द्विवेदी : मनरेगा के तहत सरकार भले ही मजदूरों को रोजगार देने के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में शासन स्तर से सार्थक पहल भी की जा रही है लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही से काम के बाद भी हजारों मजदूरों को दिहाड़ी नहीं मिली। बजट न होने से धनतेरस व दीपावली पर खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं। मजदूरों ने खंड विकास अधिकारियों से अपनी परेशानी बताई फिर भी भुगतान नहीं कराया गया।
जनपद में एक लाख 92 हजार जॉबकार्ड धारक हैं। इनमें से 25370 परिवारों को मनरेगा के तहत अब तक रोजगार दिया गया है। विभागीय अभिलेखों के मुताबिक 40 लाख का भुगतान करना है। विकास खंड चायल के जलालपुर जवाहरगंज के शंभू साहू, व पीर मोहम्मद का कहना है कि उन्होंने छह माह पूर्व मनरेगा के तहत तालाब की खोदाई की थी। दिहाड़ी का भुगतान नहीं किया गया है। टेनशाहआलमाबाद के महेश व सुखलाल को भी दिहाड़ी नहीं मिली। खंड विकास अधिकारी ने निराकरण नहीं किया।
ऑनलाइन फीड़िग नहीं, रुका भुगतान
मनरेगा के तहत की गई दिहाड़ी का भुगतान दिलाने के लिए ग्राम पंचायतों को मस्टर रोल की ऑनलाइन फीड़िग करानी होती है। काम करने के बाद प्रधान व सचिव ऑनलाइन फी¨डग में देरी से मजदूरों को भुगतान नहीं हुआ जिससे उनकों आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। चार विकास खंडों की स्थिति खराब
जनपद के चार विकास खंडों चायल, सिराथू, कड़ा, कौशांबी की स्थिति बेहद खराब है। समीक्षा बैठक में मजदूरी का भुगतान न होने के राजफश के बाद सीडीओ इंद्रसेन ने काफी नाराजगी जताई है। साथ ही खंड विकास अधिकारियों से जवाब मांगा है।