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दो वर्ष में नहीं बन सके गोशाला, सड़कों पर घूम रहे मवेशी

कौशांबी बेसहरा मवेशियों के संरक्षण को शासन से अफसरों को आवश्यक निर्देश दिया है। सा

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 09:53 PM (IST)
दो वर्ष में नहीं बन सके गोशाला, सड़कों पर घूम रहे मवेशी
दो वर्ष में नहीं बन सके गोशाला, सड़कों पर घूम रहे मवेशी

कौशांबी : बेसहरा मवेशियों के संरक्षण को शासन से अफसरों को आवश्यक निर्देश दिया है। साथ ही एक वृहद गो संरक्षण केंद्र व चार गोशाला निर्माण के लिए दो वर्ष पूर्व कार्यदायी संस्था को करोड़ों रुपये दिया गया है। लंबा समय बीतने के बाद भी वृहद गो संरक्षण व गोशाला का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। इसकी वजह से मवेशी सड़कों व खेतों में घूम रहे हैं। इससे किसानों की फसल भी नष्ट हो रही है। साथ ही हादसे की आशंका बनी हुई है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जनपद में गोवंश के संरक्षण के लिए 63 गोशाला संचालित किए जा रहे है। इसके बाद भी छह हजार से अधिक गोवंश बेसहारा हैं। इन मवेशियों को संरक्षित करने के लिए गए वृहद गो संरक्षण केंद्र व चार गोशाला निर्माण के लिए सरकार ने वर्ष 2019 में धनराशि दी थी। कार्यदायी संस्था व ठेकेदारों ने निर्माण कार्य शुरू किया। निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने के कारण दो वर्ष में भी वृहद गोसंरक्षण केंद्र व कान्हा गोशाला का निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसकी वजह से कस्बे का गांव में बेसहारा मवेशी घूमते हुए नजर आते है। इससे किसानों की फसल चौपट हो रही है। साथ ही सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। भाकियू के मंडल अध्यक्ष नूरूल इस्लाम का कहना है कि बेसहारा मवेशियों किसानों की फसल का चट कर रहे हैं। इस समस्या के निराकरण के लिए लेकर किसानों ने जिला व तहसील मुख्यालय में प्रदर्शन भी किया है। इसके बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विकास खंड सिराथू क्षेत्र के गिरधरपुर गढ़ी में वर्ष 2019 से वृहद गो संरक्षण केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक पूरा नहीं हुआ। इसी प्रकार नगर पालिका भरवारी, चायल, करारी व अजुहा में कन्हा गोशाला का निर्माण पिछले दो वर्ष कराया जा रहा है, लेकिन पूरा नहीं हो सका है। इनको मिली गोवंश संरक्षण की जिम्मेदारी

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जिला स्तर पर जिलाधिकारी को समिति का अध्यक्ष व मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को सचिव पद की जिम्मेदारी दी गई है। एसपी, सीडीओ, ईओ, पीडी डीआरडीए, एमए, सभी एसडीएम, अधिशासी अभियंता सिचाई, अधिशासी अभियंता लघु सिचाई, डीएफओ, डीपीआरओ, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, डीडीएम नाबार्ड को सदस्य और जन प्रतिनिधियों को विशेष सदस्य बनाया गया है।

गोवंश के संरक्षण के पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसी माह में निर्माणाधीन गोशाओं का निर्माण पूरा हो जाएगी। इसमें 2500 गोवंशों को संरक्षण किया जाएगा।

- डा. बीपी पाठक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी


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