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प्रशासन की मुस्तैदी से किसान नहीं रोक पाए ट्रेन, मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा पांच सूत्रीय ज्ञापन

कृषि कानून बिल को लेकर किसानों का प्रदर्शन पूरे देश में पिछले कई महीनों से लगातार चल रहा है। तैयार की गई रणनीति के मुताबिक किसान संगठनों का सोमवार को रेल रोको आंदोलन था। इसी क्रम में किसानों ने सिराथू और भरवारी रेलवे स्टेशन पर रेला रोकने की तैयारी की थी लेकिन भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात होने के कारण किसान अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 11:11 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 11:11 PM (IST)
प्रशासन की मुस्तैदी से किसान नहीं रोक पाए ट्रेन, मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा पांच सूत्रीय ज्ञापन

कौशांबी। कृषि कानून बिल को लेकर किसानों का प्रदर्शन पूरे देश में पिछले कई महीनों से लगातार चल रहा है। तैयार की गई रणनीति के मुताबिक किसान संगठनों का सोमवार को रेल रोको आंदोलन था। इसी क्रम में किसानों ने सिराथू और भरवारी रेलवे स्टेशन पर रेला रोकने की तैयारी की थी, लेकिन भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात होने के कारण किसान अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए। एसडीएम को राष्ट्रपति संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन देकर धरना समाप्त किया।

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संगठन के निर्देश पर भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष नुरुल इस्लाम की अगुवाई में किसानों ने ट्रेन रोकने की तैयारी बनाई थी। दर्जनों किसान भरवारी रेलवे स्टेशन में पहुंच गए। जानकारी होने पर एसडीएम व सीओ चायल समेत पुलिस फोर्स पहुंच गई। किसानों ने पुलिस के सामने धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि सरकार किसान और जवान को लड़ाने का काम कर रही है। सरकार को किसानों व युवाओं के हित में काम करना चाहिए। किसानों ने पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा कर लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के आरोपी गृह राज्य मंत्री को पदमुक्त कर गिरफ्तारी समेत कई मांगे किया। इस मौके पर विजय त्रिपाठी, चंदू तिवारी, ननकु लाल शर्मा आदि किसान मौजूद रहे।

भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के आह्वान पर लखीमपुर खीरी प्रकरण में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की बर्खास्तगी सहित अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर रेलवे लाइन जाम करने का प्रयास किया। जाम करने से असफल होने पर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा।

यूनियन के जिलाध्यक्ष नरेंद्र पांडेय की अगुवाई में सोमवार की सुबह इलाके के किसान चायल के सैयद सरावां चौराहे के पास इकट्ठा हुए। वहां से नारेबाजी करते हुए सैयद सरावां रेलवे स्टेशन जा पहुंचे। वहां वह रेलवे लाइन जाम करने का प्रयास करने लगे। मौके पर पहले से पहुंचे सीओ श्यामकांत भारी पुलिस बल के साथ किसानों को जाम करने से रोका। सीओ की बात को मानते हुए कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। किसानों ने मांग किया कि डीजल व पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतों पर अंकुश लगाएं। बिना किसानों से रायशुमारी किए केंद्र सरकार ने कृषि विधेयकों को दोनों सदनों में पास कराया, वह निदनीय है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनमानी पर उतारू है। अन्नदाता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। नए कृषि विधेयकों से किसान कुछ ही दिनों में भूमिहीन हो जाएंगे। ये विधेयक पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार अपने अध्यादेश में संशोधन या इसे वापस नहीं लेती है, किसान सड़कों पर उतरकर विरोध करते रहेंगे। किसानों का आरोप है कि केंद्र के कृषि बिल से न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र भी देश के बड़े पूंजीपतियों के हाथों में चला जाएगा। किसानों ने कहा कि तीनों विधेयक वापस लिए जाने तक वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली के बढ़े बिल को वापस लिया जाए। दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी बिजली बिल किया जाए। लखीमपुर खीरी प्रकरण में मंत्री को बर्खास्त किया जाए। मौके पर चिनय शंकर पांडेय, शिवराज, प्रिया त्रिपाठी, देवनाथ, सोनू कुमार, शिवराम, श्याम बाबू, दिलकुमार, बड़े लाल सिंह, रमऊलाल, सुरजन आदि किसान मौजूद रहे।


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