शिक्षामित्रों ने शुरू किया सत्याग्रह आंदोलन
कौशांबी । प्रदेश सरकार के खिलाफ शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है।
कौशांबी । प्रदेश सरकार के खिलाफ शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। समान कार्य समान वेतन की मांग करते हुए शिक्षामित्रों ने कहा कि प्रदेश सरकार उनके साथ न्याय नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार ने जो शिक्षक दिवस के दिन उन्हें दस हजार रुपये वेतन देने का प्रस्ताव पास किया है। इससे शिक्षामित्र नहीं मानेंगे और समायोजन बहाली के लिए उनका आंदोलन जारी रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद प्रदेश सरकार से भी शिक्षामित्रों को कोई खास राहत नहीं मिली है। इसलिए शिक्षामित्रों ने फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है। बुधवार को शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि प्रदेश सरकार उन्हें पहले की तरह बहाल करे। इस दौरान हुई सभा में जिलाध्यक्ष रत्नाकर ¨सह ने बताया कि शिक्षक दिवस के दिन ही उनके साथ धोखा किया गया है। लखनऊ में हुए आंदोलन के दौरान प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया कि शिक्षामित्रों को राहत दी जाएगी। लेकिन शिक्षक दिवस के दिन घोषणा की गई कि इनको साल के 11 महीने दस हजार वेतन दिया जाएगा। यह आदेश शिक्षामित्रों के खिलाफ है। शिक्षामित्रों को सम्मानजनक वेतन चाहिए। कहा कि शिक्षामित्र के बराबर पढ़ाने वाले सहायक अध्यापक को चार गुना वेतन मिलेगा। इसलिए यह शिक्षामित्रों के लिए अन्याय है। अब वह समान कार्य समान वेतन के लिए आंदोलन जारी रखेंगे। वहीं लखनऊ में शिक्षा प्रेरकों पर लाठीचार्ज की ¨नदा की। प्रदर्शन करने वालों में सोम प्रकाश, इरशाद अहमद, विष्णु प्रकाश ¨सह, धनंजय ओझा, पवन, विजय बहादुर सरोज, मीना देवी, नूतन श्रीवास्तव, रेखा तिवारी, विद्याचरण शुक्ल, वीरेंद्र केशरवानी आदि थे।