ढोकसहा के राजकीय विद्यालय में न शिक्षक मिले न बच्चे
संसू, बारा : राजकीय विद्यालय ढोकसहा में मौके पर न शिक्षक है और न ही बच्चे। शुक्रवार को जागरण की टीम राजकीय विद्यालय पहुंची तो वहां पर भवन निर्माणाधीन मिला। पता चला कि राजकीय विद्यालय पड़ोस के जूनियर हाईस्कूल में चल रहा है। लेकिन वहां पर राजकीय विद्यालय के बच्चे नहीं थे।
संसू, बारा : राजकीय विद्यालय ढोकसहा में मौके पर न शिक्षक है और न ही बच्चे। शुक्रवार को जागरण की टीम राजकीय विद्यालय पहुंची तो वहां पर भवन निर्माणाधीन मिला। पता चला कि राजकीय विद्यालय पड़ोस के जूनियर हाईस्कूल में चल रहा है। लेकिन वहां पर राजकीय विद्यालय के बच्चे नहीं थे। वहां के शिक्षकों और ग्रामीणों ने बताया कि राजकीय विद्यालय के शिक्षक कभी कभार आते हैं और बच्चे भी कुछ रिकार्ड में है लेकिन आते नहीं है। फिलहाल यहां राजकीय विद्यालय के नाम पर सरकारी की धन की बर्बादी ही है।
ढोकसहा गांव में राजकीय हाईस्कूल के भवन का निर्माण चल रहा है। करीब 70 लाख की लागत से बनने वाले इस भवन का निर्माण सीएनडीएस करा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि भवन निर्माण बेहतर तरीके से नहीं हो रहा। इस कारण एक हिस्सा बनता है तो दूसरा छतिग्रस्त हो जाता है। अब तक ठेकेदार ने काम ही बंद कर दिया है। वहीं विभागीय अधिकारी कर रहे हैं कि बजट के अभाव में निर्माण बंद है। निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ लेकिन स्कूल का संचालन पड़ोस के जूनियर हाईस्कूल में करा दिया गया। वहां पर एक शिक्षक ऋगवेद की तैनाती कर दी है। लेकिन मौके पर न शिक्षक और न ही बच्चे हैं। वैसे शिक्षक के रिकार्ड में वहां कक्षा नौ में 25 और दस में 39 छात्र-छात्रा पंजीकृत हैं। शुक्रवार को स्कूल में जागरण की टीम पहुंची तो शिक्षक और बच्चे कोई नहीं था। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि यही आलम रोज रहता है। शिक्षक कभी-कभार ही आते हैं। वहीं शिक्षक ने बताया कि वह नियमित स्कूल जाते है लेकिन शुक्रवार को कुछ काम से डीआइओएस कार्यालय गए थे। जिला विद्यालय निरीक्षक सत्येंद्र कुमार ¨सह ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है। इसकी जानकारी विभाग को दी गई है। अब तक कुछ नए शिक्षक नहीं मिल जाते, समस्या बनी रहेगी।
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दो साल से एक शिक्षक के भरोसे है विद्यालय
राजकीय हाई स्कूल ढोकसहा वर्ष 2015-16 में संचालित हुआ है। विद्यालय के संचालन के लिए राजकीय हाई स्कूल लोधन का पूरा में तैनात सहायक अध्यापक ऋगवेद ¨सह को यहां संबद्ध कर दिया गया है। इसके बाद से यहां किसी अन्य शिक्षक की तैनाती नहीं हुई। एक ही शिक्षक दो सालों से अकेले छात्रों को पढ़ा रहा है। उसकी जिम्मेदारी है कि वह संचालित होने वाले सभी विषय की जानकारी दोनों कक्षा के छात्रों को दें।