मांगों के समर्थन में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष माया ¨सह ने कहा कि कार्यकर्ताओं को जो मानदेय सरकार से मिल रहा है। वह बेहद कम है। इतने मानदेय में आज परिवार को खर्च चलाना कठिन हो रहा है।
कौशांबी : अपनी मांगों के समर्थन में मंगलवार को आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। आंगनबाड़ी ने प्रधानमंत्री व आशाओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र डीएम को सौंपकर समस्याओं के समाधान की मांग की है।
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ प्रदेश अध्यक्ष माया ¨सह ने कहा कि कार्यकर्ताओं को जो मानदेय सरकार से मिल रहा है। वह बेहद कम है। इतने मानदेय में आज परिवार को खर्च चलाना कठिन हो रहा है। इसको लेकर लगातार संगठन मानदेय में वृद्धि किए जाने की मांग कर रहा है। इसके बाद भी सरकार केवल आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि संगठन की 41 सूत्रीय मांगों को लेकर जल्द फसला करते हुए सरकार उनको राज्य कर्मचारी का दर्जा देते हुए आंगनबाड़ी को 18 हजार व सहायिका को 10 हजार का मानदेय दिया जाए। कहा कि इसके साथ में विभाग में प्रमोशन में आंगनबाड़ी को अवसर देते हुए आयु सीमा खत्म की जाए। इस मौके पर जिला महामंत्री सुषमा ¨सह, संजना ¨सह, रेनू प्रजापति, सुनीता देवी, बैतून वीबी, प्रेमा देवी, कैसरनाज, कविता, अनुराधा, र्शिमला आदि मौजूद रही।
इसी प्रकार उत्तर प्रदेश आशा संघ ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को दिया। जिलाध्यक्ष रहनुमा बानों हाशमी ने कहा कि संगठन से जुड़ी आशा 13 साल से लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर काम कर रही हैं। इसके साथ ही सरकार की विभिन्न योजनाओं को गांव में संचालित करने को लेकर मदद करती है। इसके बाद भी उनको लेकर अब तक किसी प्रकार की योजना नहीं बनाई गई। कहा कि अपने परिवार व घर का ध्यान रखे बीन 24 घंटे से अधिक समय अन्य लोगों के परिवार को ध्यान रखना पड़ रहा है। इसके बाद भी उनके संबंध में सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। उन्होंने आशाओं को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने अपनी मांगों को जुड़ी सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। इस मौके पर आशा सोनकर, पुष्पा देवी, रचना देवी, सविता देवी, राम सवारी, भोला देवी, नीलम देवी, रचना देवी आदि मौजूद रहीं।