कुपोषण से जूझ रहा 52 हजार मासूमों का बचपन
जासं, कौशांबी : कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश भी जारी किया है। कुपोषित बच्चों की सुविधा के लिए जनपद में 1790 आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में लगभग 2.47 लाख बच्चे पंजीकृत है। पंजीकृत बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए पोषाहार व हाटकुक्ड की व्यवस्था की गई है लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से जिले में 53220 बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।
जासं, कौशांबी : कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसके लिए आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश भी जारी किया है। कुपोषित बच्चों की सुविधा के लिए जनपद में 1790 आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए हैं। इन केंद्रों में लगभग 2.47 लाख बच्चे पंजीकृत है। पंजीकृत बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए पोषाहार व हाटकुक्ड की व्यवस्था की गई है लेकिन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से जिले में 53220 बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं।
कुपोषण को खत्म करने के लिए मुख्य रूप से आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग, पंचायतराज व शिक्षा विभाग को जिम्मेदारी दी गई है। छह वर्ष तक के बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण व पोषाहार भी उपलब्ध कराना है। अभिभावकों की मानें तो आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों को अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इसकी वजह से जिले में 53220 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। जिनके बच्चे कुपोषित हैं। वह काफी परेशानी है। इलाज करा रहे लोगों का कहना है कि उनके बच्चे भी कुपोषण का शिकार हैं लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों से उन्हें आपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। मंझनपुर क्षेत्र के बच्चे अति कुपोषित हैं जिनका इलाज जिला अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में चल रहा है। विकास खंड कुपोषित बच्चे
मूरतगंज 3141
कनैली 5048
चायल 8105
सरसवां 5490
सिराथू 9857
मंझनपुर 5011
नेवादा 7775
कड़ा 5933
शहर 1872
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अभियान का नहीं खास असर
कुपोषण के खत्मे के लिए लोगों को जागरूक करने लिए सितंबर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। अभियान की सफलता के लिए चार विभागों को विशेष तौर पर शासन की ओर से निर्देश दिया है, जिसमें आइसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग, पंचायतराज व शिक्षा विभाग शामिल हैं। किस दिन क्या होना है ये भी पूर्व में निर्धारित किया गया है। इसके बाद भी जिम्मेदार लापरवाही बरत रहे हैं जिससे अभियान का लाभ कुपोषित बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। माह को बाल विकास पोषाहार व स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है।