मुख्यमंत्री पोर्टल को बनाया मजाक, अफसर परेशान
जासं, कौशांबी : चायल तहसील क्षेत्र का एक युवक जिला प्रशासन व विकास विभाग के अधिकारियों के लिए मुसीबत बना है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत कर कभी खुद के लिए रोजगार मांगता है तो कभी दूसरे गांवों में विकास कार्यों की शिकायत करता है। निस्तारण कराते हुए प्रशासनिक अफसर व कर्मी उसे संतुष्ट भी कर देते हैं लेकिन बाद में वह दोबारा कुछ न कुछ नया बहाना खोजकर शिकायत कर देता है। कर्मचारियों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी है, लेकिन वह भी कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं।
जासं, कौशांबी : चायल तहसील क्षेत्र का एक युवक जिला प्रशासन व विकास विभाग के अधिकारियों के लिए मुसीबत बना है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत कर कभी खुद के लिए रोजगार मांगता है तो कभी दूसरे गांवों में विकास कार्यों की शिकायत करता है। निस्तारण कराते हुए प्रशासनिक अफसर व कर्मी उसे संतुष्ट भी कर देते हैं लेकिन बाद में वह दोबारा कुछ न कुछ नया बहाना खोजकर शिकायत कर देता है। कर्मचारियों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी है, लेकिन वह भी कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं।
चायल तहसील का एक युवक बीए का छात्र है। वह लगातार मुख्यमंत्री पोर्टल पर रोजगार की मांग के साथ ही अन्य कामों को लेकर शिकायत कर रहा है। उसकी शिकायत करने का आलम यह है कि बीते तीन माह में उसने करीब 500 से अधिक शिकायतें की हैं। शिकायतें भी बिना सिर पैर की होती है। शिकायतों की निगरानी सीधे लखनऊ से होती है। ऐसे में कोई शिकायत पें¨डग रही तो उसको लेकर सीधे लखनऊ से सवाल जवाब होता है। लखनऊ से कोई सवाल न हो। इसके लिए कर्मचारी शिकायत का निस्तारण भी जल्द करते हैं। एक ही व्यक्ति की लगातार मिल रही शिकायतों ने अधिकारियों को परेशान कर दिया है। अधिकारी भी शिकायतों को सुनकर सिवाय मुस्कुराने के कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस प्रकार की होती है शिकायतें
- युवक ने मनरेगा योजना से काम दिलाने की मांग की थी। जिस पर चायल ब्लाक के अधिकारियों ने उसके नाम पर जॉबकार्ड बनाते हुए तालाब खुदाई का काम दे दिया। युवक मौके पर पहुंचा तो उसने एक भी फावड़ा नहीं चलाया। वह शाम को दोबारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करता है कि जिस तालाब की खुदाई के लिए उसे भेजा गया था। वहां की मिट्टी गीली है। ऐसे में उसे फावड़े से भर पाना और तसले से बाहर निकालना संभव नहीं है। उसे दूसरा काम दिया गया। अधिकारियों ने शिकायत को गंभीरता से लिया। उसे दूसरे तालाब की खुदाई का काम दे दिया। युवक वहां काम करने गया तो वहां से भी लौट आया। उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए कहा कि उसे दोबारा जहां पर काम दिया गया। वहां की मिट्टी बेहद सख्त है। यहां फावड़े से काम किया जाना संभव नहीं है। अधिकारियों ने उसे किसी तरह समझाया तो उसने खुद को रोजगार सेवक बनाए जाने की मांग कर दी। अब अधिकारियों न उसके पास रोजगार सेवक बनाए जाने का शासनादेश भेजा है। युवक से कौशांबी ही नहीं प्रयागराज प्रशासन भी परेशान है। कुछ दिनों पहले युवक ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करते हुए खुद को बीए का छात्र बताया। साथ ही दोनों जिलों के अधिकारियों से एनसीसी में एडमीशन दिलाने की मांग की है। अब अधिकारी उसकी समस्या के निस्तारण को लेकर परेशान हैं। आठ बजे के बाद करता है शिकायत
युवक प्रति दिन मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत करता है। अधिकारियों की माने तो युवक शाम आठ बजे के बाद शिकायत करना शुरू करता है। युवक की प्रति दिन कोई न कोई शिकायत मिलती है। कर्मचारियों ने इसको लेकर अधिकारियों को जानकारी दी है। - शिकायत करने से किसी को रोका नहीं जा सकता। अब कुछ समस्या तो हो रही है, लेकिन यह एक नागरिक का अधिकार हैं। आई हुई शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय से हो। इसका प्रयास किया जा रहा है।
- इंद्रसेन ¨सह, सीडीओ कौशांबी।