वसूली के चक्कर में धाता नहीं जा पा रही बसें
जासं, कौशांबी : इलाहाबाद से चलकर सिराथू कस्बे से होकर फतेहपुर के धाता तक जाने वाली निजी बसों को सिरा
जासं, कौशांबी : इलाहाबाद से चलकर सिराथू कस्बे से होकर फतेहपुर के धाता तक जाने वाली निजी बसों को सिराथू कस्बे में ही रोक लिया जा रहा है। इसके आगे जाने के पर चौकी प्रभारी ने प्रतिबंध लगा रखा है। इस फैसले से दोनों जिले के लोगों को परेशानी हो रही है। सब से अधिक समस्या वृद्धों व छात्राओं को उठानी पड़ रही। इसको लेकर बस यूनियन ने अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन उनका जवाब केवल आश्वासन तक ही सीमित रहा।
लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाने में निजी बसों की भूमिका से इन्कार नहीं किया जा सकता। इन बसों के चलने से लोगों को राहत मिलती है, लेकिन सिराथू चौकी प्रभारी ने कस्बे से निजी बसे के गुजरने पर प्रतिबंध लगा रखा है। बस संचालकों का आरोप है कि चौकी प्रभारी ने टेंपो मिलकर उनको अनुचित लाभ दिलाने के लिए कस्बे में निजी बसों के रूट को बदल दिया है। बस यूनियन के महामंत्री दिनेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि सिराथू चौकी प्रभारी डिप्टी सीएम के घर के सामने से बसों को गुजारना चाहते हैं। इस रास्ते से किसी निजी बस का परिमिट नहीं है। ऐसे में कोई हादसा होता है तो बीमा कंपनी क्लेम नहीं देगी। इसके साथ डिप्टी सीएम के घर के सामने का रास्ता पलता है। यदि सामने से कोई दूसरा वाहन आ गया तो उसे निकलने के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। इस लिए कोई भी बस मालिक इस रास्ते का प्रयोग नहीं करना चाहता। वह इस बात को अच्छी तरह से जान रहे हैं। इस लिए बस संचालकों को परेशान करने के लिए इस प्रकार का कदम उठाया है। बताया कि इस समस्या को लेकर वह अधिकारियों से मिल चुके है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा। करीब तीन माह से इस रूट पर बसों को आवागमन बंद है। बस संचालकों का आरोप है कि चौकी पुलिस टेंपो चालकों से अवैध तरीके से धन लेकर उनको लाभ देना चाहती है। इस लिए सिराथू से धाता की ओर बसों के संचालन को रोक दिया गया है।
चौकी प्रभारी हनुमान ¨सह का कहना है कि बसों के कारण कस्बे में जाम की स्थित उत्पन्न हो रही थी। इसके लिए बसों को रोका गया है। दशहरे बाद उनके संचालन पर विचार होगा। उन्होंने टेंपो चालकों को लाभ दिलाने जैसी किसी बात से इन्कार किया है।
कहते है लोग
धाता के साथ ही कौशांबी के सौकड़ों गांव के लोग निजी बसों से मंझनपुर व इलाहाबाद जाते आते है। सिराथू कस्बे से बसों के न गुजरने से उनको समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसपर लगी रोक हटनी चाहिए।
- मान ¨सह निजी बसे सब से उपयोगी वृद्धों व छात्राओं के लिए है। गांव के बाहर निकलते ही बस उनको मिल जाती है और वह समय से जहां जाना है पहुंच जाते है। इन दिनों बसों का संचालन केवल सिराथू कस्बे तक हो रहा है। इससे उनको परेशानी हो रही है।
- राम किशोर सिराथू कस्बे के बाद धाता तक कौशांबी के सैकड़ों गांव के बच्चे पढ़ने के लिए मंझनपुर सहित अन्य स्थानों को प्रति दिन आते-जाते हैं। निजी बसे ही मददगार होती है, लेकिन बसों का संचालन तीन माह से बंद होने परेशान होना पड़ता है।
- रामेश्वर ¨सह दशकों से इसी रूट से बस चल रही थी। अब अचानक बस चलने से क्या समस्या हो गई। यह तो पता नहीं लेकिन लोगों को बस बंद होने से परेशानी हो रही है। जन हित को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन शुरू किया जाना चाहिए।
- रणजीत ¨सह