समय पूरा फिर भी नहीं बन सका बस स्टेशन
जिला मुख्यालय मंझनपुर में बस डिपो का निर्माण तीन वर्ष पूर्व शुरू कराया गया है। निर्माण शुरू होने के बाद लोगों में आस जगी थी कि उन्हें परिवहन की सुविधा का दंश नहीं झेलना होगा लेकिन कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड की लापरवाही की वजह से निर्धारित समय में बस डिपो का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। इसकी वजह से लोगों को परिवहन से जुड़ी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
जासं, कौशांबी : जिला मुख्यालय मंझनपुर में बस डिपो का निर्माण तीन वर्ष पूर्व शुरू कराया गया है। निर्माण शुरू होने के बाद लोगों में आस जगी थी कि उन्हें परिवहन की सुविधा का दंश नहीं झेलना होगा, लेकिन कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड की लापरवाही की वजह से निर्धारित समय में बस डिपो का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। इसकी वजह से लोगों को परिवहन से जुड़ी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
जनपद सृजन के बाद यहां पर विकास कार्य कराने के लिए शासन व जन प्रतिनिधियों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। बेहतर परिवहन सुविधा मिले इसके मद्देनजर वर्ष 2005 में जिला मुख्यालय मंझनपुर में बस स्टेशन डिपो निर्माण की स्वीकृति मिली। रकबे को बस स्टेशन निर्माण के लिए सुरक्षित किया गया था। उसके आंशिक हिस्से को लेकर काफी दिन विवाद चला। इसकी वजह से उस समय निर्माण नहीं शुरू हो सका था। चार अप्रैल 2018 को कौशांबी महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए थे। उस दौरान बस स्टेशन के निर्माण की मांग उठी तो उन्होंने जल्द से जल्द निर्माण का आश्वासन शिलान्यास कर दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस स्टेशन निर्माण के लिए 12.35 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए गए। कुछ महीने बाद उसमें से चार करोड़ रुपये निर्माण एजेंसी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (पैकफेड) को दिया गया। पैसा मिलने के बाद निर्माण का ठेका भी हो गया। वर्ष 2018 को भूमि पूजन के बाद बस स्टेशन का निर्माण शुरू कराया गया। मार्च 2021 में कार्यदायी संस्था को बस स्टेशन का निर्माण पूरा करना थी, लेकिन अब तक इंटरलाकिंग, टीनशेड लगाने व वर्कशाप की बाउंड्रीवाल बनाने का कार्य अधूरा है। बस निर्माण में कार्यदायी संस्था की ओर से शुरू से ही लापरवाही बरती गई है, जिसको लेकर तत्कालीन जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने कार्यदायी संस्था पैकफेड के एक्सईएन को नोटिस देकर जवाब मांगा था। साथ ही निर्देश दिया था कि बस स्टेशन का निर्माण निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाए। इसके बाद भी निर्माण कार्य में तेजी नहीं लाई गई।