विक्रेताओं को नोटिस देने के बाद अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई
कृषि विभाग ने सितंबर माह में किसानों के खाद बीज और कीटनाशक खरीद अनुदान का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) करते समय दर्जनों खाद बीज और कीटनाशक विक्रेताओं की गड़बड़ी पकड़ी थी। इन विक्रेताओं के खिलाफ अक्टूबर माह में जिलाकृषि अधिकारी ने नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था लेकिन अब तक अधिकतर दुकानदारों ने जवाब नहीं दिया है। इसके बाद भी संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इससे विक्रेताओं के हौसले बुलंद है।
संसू, चायल : कृषि विभाग ने सितंबर माह में किसानों के खाद, बीज और कीटनाशक खरीद अनुदान का डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) करते समय दर्जनों खाद बीज और कीटनाशक विक्रेताओं की गड़बड़ी पकड़ी थी। इन विक्रेताओं के खिलाफ अक्टूबर माह में जिलाकृषि अधिकारी ने नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब मांगा था, लेकिन अब तक अधिकतर दुकानदारों ने जवाब नहीं दिया है। इसके बाद भी संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। इससे विक्रेताओं के हौसले बुलंद है।
कृषि विभाग प्रमाणित कंपनी के बीज, कीटनाशक और रासायनिक खाद बेचने का लाइसेंस निर्गत कर विक्रेताओं को उसी कंपनी और प्रजाति का खाद, बीज और कीटनाशक बेचने की अनुमति देता है लेकिन राजकीय कृषि रक्षा इकाई केंद्र के प्रभारियों से डीबीटी के लिए प्राप्त बिल की जांच के दौरान मेसर्स कुशवाहा बीज भंडार पूरामुफ्ती, रिया सीड्स कार्पोरेशन पूरामुफ्ती, मेसर्स शारदा एंड ब्रदर्स पश्चिम शरीरा, अशोक बीज भंडार अझुआ, विमल बीज भंडार अझुआ, सत्यम कृषि केंद्र अझुआ, किसान सेवा केंद्र अझुआ, ननका बीज भंडार करारी, राजेश सीड्स करारी, मेसर्स जयदुर्गा बीज भंडार मंझनपुर, शुभम बीज भंडार ओसा और मेसर्स एग्रीजंक्शन मंझनपुर आदि विक्रेताओ ने अवैध रूप से बिना डीलरशिप, लाइसेंस आदि के भारी गड़बड़ी कर किसानों घटिया बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक सहित कृषि कार्य के उपकरण बेचने के लाखो रुपये के बिल प्राप्त हुए थे। दो सप्ताह में जवाब न देने पर जिलाकृषि अधिकारी मनोज कुमार गौतम ने पत्र में विभागीय कार्रवाई कर दुकानों को सीज करने की चेतावनी भी दी है। -बिना जीएसटी बिल के लाखों रुपये के बीज की हुई डीबीटी
पूरामुफ्ती स्थित कुशवाहा बीज भंडार ने उपकृषि निदेशक कार्यालय से सांठगांठ कर लाखो रुपये बिक्री बिल में अलग से जीएसटी की मोहर लगाकर डीबीटी करवा ली है। जबकि नियमानुसार जीएसटी नंबर बिल में ही प्रिट होना चाहिए। इतना ही विक्रेता ने बगैर लाइसेंस निर्गत के सोनकर बीज भंडार सैनी, अशोक बीज भंडार अझुहा, देवनाथ जायसवाल बीज भंडार सरांय अकिल, शारदा एंड ब्रदर्स पश्चिमशरीरा, मौर्या बीज भंडार दरियापुर सहित सैकड़ों दुकानों पर बीज की आपूर्ति है। उपकृषि निदेशक मौन रहकर डीबीटी पास करता चला आ रहा है। मामले में जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार गौतम के नोटिस जारी करते ही विक्रेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। इन विक्रेताओं को बीज बेचने की दी थी अनुमति
मैसर्स शारदा एंड ब्रदर्स पश्चिम शरीरा, मौर्य बीज भंडार मूरतगंज, मां ट्रेडर्स सिराथू को बायर सीड्स कंपनी, मेसर्स शिव ट्रेडर्स मंझनपुर, मां ट्रेडर्स सिराथू को पायनियर सीड्स कंपनी, मेसर्स ऐग्रीजंक्शन केंद्र मंझनपुर को यू एस एग्रीसीड्स, मेसर्स राजेश बीज भंडार चरवा को त्रिमूर्ति प्लांट साइंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के बीज देने थे। नकली धान पैकिग की भी हुई शिकायत
मेसर्स श्रीराम बायोसीड कावूरी हिल्स, फेज-2 हैदराबाद स्थित कंपनी ने संयुक्त कृषि निदेशालय को पत्र भेज बायोसीड हाइब्रिड धान बसंती प्रजाति की नकली पैकिग कर किसानों को बेचने की शिकायत की थी। निदेशालय ने 15 जुलाई को जिला कृषि अधिकारियों को विक्रेताओं की जांच कार्रवाई का निर्देश दिया था। जवाब न देने पर अब तक छह विक्रेताओं का लाइसेंस निरस्त करने की नोटिस दी जा चुकी है, मामले में डीएम और मुख्यालय को भी पत्र भेजा गया है। निर्देश मिलते ही इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
मनोज कुमार गौतम, जिलाकृषि अधिकारी कौशांबी किसानों ने अनजाने में बगैर लाइसेंस वाले विक्रेताओं से बीज खरीदा है। उनकी क्या गलती है। किसानों के खाते में बीज अनुदान की राशि डीबीटी की गई है।
उदयभान गौतम, उपकृषि निदेशक कौशांबी