चायल एसडीएम के विरोध में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
स्थानीय तहसील में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बुधवार को तीसरे दिन एसडीएम के नोटिस देने लामबंद होकर उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि चरवा थाने के इंस्पेक्टर और एसएसआई के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ एसडीएम का तुरंत स्थानांतरण किया जाए। वहीं एसडीएम ने अधिवक्ताओं से खुद की जान का खतरा बताते हुए पिपरी थाने में दो दर्जन से अधिक अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया।
संसू, चायल : स्थानीय तहसील में बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बुधवार को तीसरे दिन एसडीएम के नोटिस देने लामबंद होकर उनके खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि चरवा थाने के इंस्पेक्टर और एसएसआई के खिलाफ कठोर कार्रवाई के साथ एसडीएम का तुरंत स्थानांतरण किया जाए। वहीं एसडीएम ने अधिवक्ताओं से खुद की जान का खतरा बताते हुए पिपरी थाने में दो दर्जन से अधिक अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ केस दर्ज कराया।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मानसिंह की अध्यक्षता में तहसील परिसर के अंदर बुधवार को तीसरे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। अधिवक्ताओं ने कहा कि उपजिलाधिकारी ने मंगलवार को वकीलों के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, जिससे संघ के सदस्यों में काफी नाराजगी है। उन्होंने रजिस्ट्री सहित न्यायिक कार्य से विरत रहकर क्रमिक अनशन किया। पुलिस और प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए मांग किया कि चरवा थाने के इंस्पेक्टर राधेश्याम वर्मा और एसएसआई हेमंत कुमार मिश्रा के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए एसडीएम सुल्तान अशरफ सिद्दीकी का अविलंब स्थानांतरण किया जाए। वहीं एसडीएम ने अधिवक्ताओं के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि मंगलवार को अधिवक्ताओं के बातचीत के दौरान भीड़ ने उनके साथ अभद्रता की है। उन्होंने बुधवार को दो दर्जन से अधिक अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ जानमाल के खतरा का मुकदमा दर्ज करवाया है। धरने में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मान सिंह, मंत्री सगीर अहमद, धर्मराज ओझा, काजी असद, नूरुतजमा, राधेमोहन सिंह, बांकेलाल पाल सहित दर्जनों अधिवक्ता मौजूद रहे। चायल में उपकोषागार बंद होने से अधिवक्ताओं में रोष
संसू, चायल : उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने एक अक्टूबर को चायल तहसील परिसर में 2008 से संचालित उपकोषागार को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया। यहां तैनात कर्मचारियों को मंझनपुर कोषागार से संबंध कर दिया। बार एसोसिएशन अध्यक्ष मान सिंह का कहना है कि उपकोषागार के बंद होने से भूमि में बैनामे से प्राप्त धनराशि, हदबंदी शुल्क, शस्त्र नवीनीकरण शुल्क, कृषि भूमि को अकृषि भूमि घोषित कराने के शुल्क, मालगुजारी और रिकवरी आदि को उपकोषागार के माध्यम से जमा कराया जाता था। उपकोषागार के बंद होने से बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। उनका कहना है कि कोषागार डबल लॉक कक्ष की स्थापना किये जाने की बराबर मांग की जा रही थी। उपनिबंधक कार्यालय में कुल 19 से 20 करोड़ का स्टांप जिला कोषागार मंझनपुर से निर्गत किया गया है। उपकोषागार के बंद हो जाने के बाद इतनी बड़ी रकम के स्टाम्प मंझनपुर से लाना संभव नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री समेत उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर उपकोषागार पुन: शुरू कराने की मांग की है। 21 अक्टूबर को भूख हड़ताल करेंगे अधिवक्ता
जासं, कौशांबी : जिला कचहरी में मुकदमें की पैरवी के दौरान अड़ंगा बनने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ एक वकील ने कार्रवाई न होने पर मोर्चा खोल दिया है। अधिवक्ता ने अपने साथियों के साथ 21 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी है। साथ ही इससे संबंधित शिकायती पत्र बार काउंसिल समेत आला अफसरों को भेजा है। अधिवक्ता शिवलाल चौधरी ने भेजे गए शिकायती पत्र में बताया कि मारपीट के एक मामले में मुकदमें की पैरवी करने के लिए उन्होंने न्यायालय में वकालतनामा लगाया। 30 सितंबर को वह मुकदमें की पैरवी के लिए वह जिला कचेहरी में जा रहे थे। इस बीच उन्हें कुछ अधिवक्ताओं ने रोक लिया और शिवलाल को रोकने की कोशिश की। साथ ही उनके साथ अभद्रता भी की गई। इस मामले की शिकायत मंझनपुर कोतवाली के अलावा जिले के आला अफसरों से भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत शिवलाल चौधरी ने चेतावनी दी है कि अभद्रता करने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो वह अपने साथी अधिवक्ताओं के साथ कचेहरी के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे।