स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शिथिलता पर 48 आशाओं की सेवा समाप्त
जासं, कौशांबी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों में लापरवाही बरतना आशाओं को महंगा पड़ा। सीएससी व पीएचसी चिकित्सा प्रभारियों की रिपोर्ट पर सीएमओ ने संबंधित आशाओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तो निष्किय आशाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। जल्द ही इनके स्थान पर दूसरी आशाओं का चयन किया जाएगा।
जासं, कौशांबी : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों में लापरवाही बरतना आशाओं को महंगा पड़ा। सीएससी व पीएचसी चिकित्सा प्रभारियों की रिपोर्ट पर सीएमओ ने संबंधित आशाओं पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया तो निष्किय आशाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। जल्द ही इनके स्थान पर दूसरी आशाओं का चयन किया जाएगा।
जनपद वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना, अंधता निवारण कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना, आयुष्मान भारत आदि कार्यक्रम शामिल हैं। इन कार्यक्रमों की सफलता में आशाओं का विशेष योगदान रहता है। उनको काम के बदले मानदेय और पुरस्कार भी दिया जाता है लेकिन जिले की 48 आशाएं निष्क्रिय हैं। इनकी वजह से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन प्रभावित हो रहा है। इसकी रिपोर्ट चिकित्सा अधिकारियों ने पूर्व में सीएमओ डॉ. पीएन चतुर्वेदी को दी थी। आशाओं की लापरवाही का मुद्दा सीएमओ ने जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उठाया था जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएम मनीष कुमार वर्मा ने निष्क्रिय आशाओं पर कार्रवाई करने कर निर्देश सीएमओ को दिया है। इसलिए अब 48 आशाओं की सेवा समाप्त कर दी गई है। पुन: नई आशाओं के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही उन्हें स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए कार्यभार सौंपा जाएगा। इनकी सेवा समाप्त
स्थान आशाओं की संख्या
सीएचसी सिराथू 6
सीएचसी कड़ा 5
सीएचसी कौशांबी 7
पीएचसी चायल 6
पीएचसी नेवादा 6
पीएचसी सरायअकिल 7
पीएचसी सरसवां 5
सीएचसी मूरतगंज 5