पुरान पेंशन को शिक्षकों की हड़ताल से बंद रहे 249 विद्यालय
जासं, कौशांबी : पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी संगठनों ने डायट मैदान परिसर में धरना प्रदर्शन किया। अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए उन्होंने कम बंद रखा। हड़ताल का पहला दिन होने से अब तक अन्य विभागों खास असर नहीं पड़ा, लेकिन अधिकारियों की जांच में 249 प्राइमरी विद्यालय बंद मिले। उनको गुरुवार से खोले जाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। बीएसए का दावा है कि गुरुवार को हर विद्यालय खुला रहेगा।
जासं, कौशांबी : पुरानी पेंशन की मांग को लेकर बुधवार को आधा दर्जन से अधिक कर्मचारी संगठनों ने डायट मैदान परिसर में धरना प्रदर्शन किया। अपनी एकजुटता का परिचय देते हुए उन्होंने कम बंद रखा। हड़ताल का पहला दिन होने से अब तक अन्य विभागों खास असर नहीं पड़ा, लेकिन अधिकारियों की जांच में 249 प्राइमरी विद्यालय बंद मिले। उनको गुरुवार से खोले जाने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग ने मंथन शुरू कर दिया है। बीएसए का दावा है कि गुरुवार को हर विद्यालय खुला रहेगा।
कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने को लेकर बुधवार से हड़ताल शुरू कर दी है। इसको लेकर मंझनपुर के डायट मैदान में शिक्षक कर्मचारी अधिकारी पुरानी पेंशन बचाओं मंच ने धरना प्रदर्शन किया। घरना प्रदर्शन को डिप्लोमा इंजीनियर संघ, ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारी संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य कर्मियों के संगठन ने समर्थन दिया। मंच के सह जिला संयोजक रामबाबू दिवाकर ने कहा कि सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग लंबे समय से चल रही थी, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों को लेकर कोई विचार नहीं किया गया। इसके चलते कर्मचारी संगठनों को हड़ताल करने का फैसला लेना पड़ा। कहा कि अभी तो हड़ताल 12 फरवरी तक के लिए ही घोषित है, लेकिन यह मांगे पूरा न होने तक यह हड़ताल जारी रहेगी। ओमदत्त त्रिपाठी ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले नई पेंशन योजना को लाभ पा रहा एक शिक्षक सेवानिवृत्त हुआ है। उसे मात्र 1041 रुपये की पेंशन मिल रही है। इस पेंशन से वह क्या कर सकते हैं। यह एक बड़ा सवाल है। सरकार पर व्यंग करते हुए कहा कि अब सरकार ही तय करें की बाबा का खर्च जब दो हजार में चलेगा तो एक कर्मचारी का खर्च इतनी पेंशन में चल सकेगा। मायापति त्रिपाठी ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को लेकर निरंकुशता पूर्व व्यवहार कर रही है। उन्होंने इसके लिए आपसी एकता को बनाए रखने पर बल दिया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री ध्यान ¨सह ने कहा कि कर्मचारियों को लेकर सरकार जब चाहे जैसा चाहे फैसला कर लेती है। उनको हर वह काम की जिम्मेदारी दे दी जाती है। जो उनके कार्य क्षेत्र के बाहर का है। कर्मचारी पूरे मनोयोग से काम करता है, लेकिन सरकार अब उसके लिए कुछ करने को तैयार नहीं है। निरंकुश सरकार ने रवैया के कारण कर्मचारियों को हड़ताल का फैसला करना पड़ा। राजीव निर्मल व ज्ञानेश त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक को सब से कमजोर कड़ी सरकार मान रही है। यही कारण है कि उनका शोषण सब से ज्यादा होता है। अब समय आ गया है कि शिक्षक अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष करें। उनको इसके लिए तमाम दबाव भी पड़ेगा, लेकिन संगठन सब के साथ है। इस मौके पर शैलेंद्र द्विवेदी, देवेंद्र, शुक्र प्रताप ¨सह, सुनील शुक्ला, रामचरन, अखिलेश कुमार, भोला नाथ आदि सैकड़ो शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे। गलत आंकड़ेबाजी कर रहा प्रशासन
जासं, कौशांबी : बेसिक शिक्षा अधिकारी अर¨वद कुमार ने बताया कि शिक्षकों की हड़ताल के चलते 249 विद्यालय बंद रहे। इसका शिक्षक संघ ने विरोध किया है। प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष मुलायम ¨सह ने बताया कि आधे से अधिक विद्यालय बंद रहे है। अधिकारी अपनी गुडविल बनाने के लिए गलत आंकड़ेबाजी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षक हर बीआरसी केंद्र पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर धरना प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान उन्होंने अपने विद्यालय बंद रखे थे। कुछ विद्यालयों को शिक्षामित्रों ने जरूर खोले रखा था। शिक्षामित्रों व नवनियुक्त शिक्षकों पर भरोसा
जासं, कौशांबी : प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों ने हड़ताल कर रखी है। ऐसे में जिले के अधिकांश विद्यालय बंद हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पहले दिन भले ही जिले के 249 विद्यालय बंद रहे, लेकिन गुरुवार से सभी विद्यालय संचालित होगे। बताया कि करीब 300 शिक्षक नवनियुक्त हैं। वह पर्यवेक्षण अवधि में है। इस दौरान वह किसी प्रकार की हड़ताल का हिस्सा नहीं बन सकते। इसको लेकर सभी को चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही शिक्षामित्रों को प्रति दिन विद्यालय खोलने का निर्देश दिया गया है। बुधवार को बंद रहे विद्यालय गुरुवार से खुले रहेंगे। राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को हड़ताल कर रहे कर्मचारी
संसू, चायल : राज्य कर्मचारी शिक्षक अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेतृत्व में बुधवार को शिक्षक और राज्य कर्मचारियों ने संयुक्त रुप से चायल तहसील के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। इसकी अध्यक्षता अमीन संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने की। राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल में शासन के खिलाफ नारेबाजी कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए अमीन संघ के अध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री राजनाथ ¨सह ने भी समर्थन करते हुए पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा किया था। लेकिन अब ये लोग अपने वादे से मुकर रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष महेंद्र ¨सह ने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो हम जेलों को भर देंगे। हड़ताल 12 फरवरी तक चलेगी। इस समय सीमा में अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो हड़ताल अनिश्चितकालीन हो जाएगी। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर संघ काफी दिनों से संघर्ष कर रहा है। लेकिन शासन स्तर पर संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। जब तक मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक संघर्ष जारी रहेगा। अप्रैल माह वर्ष 2005 के बाद राजकीय सेवा में आए कर्मचारियों-अधिकारियों व शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग की गई थी। शासन से कई बार आश्वासन भी मिला। लेकिन, आज तक सार्थक परिणाम नहीं आया। पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल न होने से प्रदेश के समस्त शिक्षकों व कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। ऐसे में मामले को गंभीरता से लेते हुए पुरानी पेंशन बहाल करना सरकार को अत्यंत जरुरी हो गया है। इस मौके पर रामप्रसाद विश्वकर्मा, राजकुमार, कैश ¨सह, गुजेश त्रिपाठी, राजेश ¨सह, रश्मि तारा, पूनम मिश्रा और रघुनाथ द्विवेदी आदि मौजूद रहे। शिक्षकों ने किया जमकर प्रदर्शन
संसू, पुरखास : बीआरसी नेवादा क्षेत्र के शिक्षकों ने बुधवार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर शिक्षण कार्य से विरत रहे। उन्होंने बीआरसी कार्यालय में सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि सरकार के अड़ियल रवैये ने शिक्षकों को हड़ताल पर जाने को मजबूर कर दिया। पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार जल्द कोई फैसला नही लेती तो वह सड़क पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। प्रदर्शन में प्रमोद ¨सह, विनोद ¨सह, शैलेंद्र कुमार, संतोष शर्मा, अवधराज ¨सह, रमेश तिवारी आदि लोग उपस्थित रहे। इसी प्रकार मूरतगंज ब्लाक परिसर में शिक्षकों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। विद्यालयों में ताला बंद कर जमा हुए शिक्षकों ने कहा कि अब तक सरकार को तमाम पत्र व ज्ञापन दिया गया, लेकिन उनकी मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। ब्लाक अध्यक्ष अशोक कुमार द्विवेदी ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। जब तक पुरानी पेंशन को सरकार स्वीकर नहीं करती। शिक्षक विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि पेंशन कर्मचारी का अधिकार है। सरकार इसे बदलकर कर्मचारी के हित को प्रभावित कर रही है। इस मौके पर संकुल प्रभारी, महफूज अहमद, राघवेंद्र मिश्र, नियाज अली, रवींद्र ¨सह, कल्पना ¨सह, शशी ¨सह, आरती गुलाटी व तमाम ब्लाक क्षेत्र के शिक्षक मौजूद रहे।