पांच फिट के शौचालय में सवा पांच फिट के बंदी की फांसी !
कौशांबी : जिला जेल में फांसी से हुई कथित मौत सवालों के घेरे में है। जेल प्रशासन का दावा है कि शौचालय में बंदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। इससे जिला जेल का निर्माण करने वाले सहमत नहीं हैं बल्कि वह इस बयान पर हतप्रभ भी हैं। कार्यदायी संस्था के जिम्मेदारों का कहना है कि पांच फिट के शौचालय में कैसे सवा पांच फिट का आदमी फांसी लगा सकता है? जबकि उसमें छत का चुल्ला भी नहीं है। दरवाजा एक मात्र विकल्प हो सकता था, लेकिन उसमें भी ऊपर की तरफ से करीब डेढ़ फिट की जाली लगी है? जेल प्रशासन इस पूरे मामले में पर्दा डालने की पूरी कोशिश कर रहा है।
कोखराज निवासी दिलीप मौर्य शातिर अपराधी है। 2012 में उसके खिलाफ ट्रक लूट का मामला दर्ज किया गया। फिर उस एक युवती के अपहरण का मामला दर्ज हुआ। जांच के बाद मामले को दुराचार में तरमीम किया गया। दिलीप मौर्य को कोखराज पुलिस ने बीते 19 अगस्त 2013 को सिराथू से गिरफ्तार किया। तब से वह जेल में निरुद्ध चल रहा है। शनिवार को बैरक में उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद शव को बंदी रक्षक प्रभारी जेलर की मौजूदगी जबरन जेल गाड़ी में लादकर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंचे। घटना की जानकारी मीडिया कर्मियों के जरिए इमरजेंसी वार्ड के चिकित्सकों को हो चुकी थी। इसलिए शव पहुंचते ही वह खिसक गए। इससे प्रभारी जेलर के होश उड़ गए। चर्चा है कि दिलीप मौर्य को भर्ती कराने की पूरी कोशिश की गई थी, लेकिन जेल के अधिकारी कामयाब नहीं हो सके। इसी दौरान जेल अधीक्षक एलएन दोहरे पहुंचे। जेल प्रभारी से उनकी लंबी वार्ता हुई। वह चिकित्सकों से भी मिले। जेल के चिकित्सक हिंद प्रकाश मणि से भी उनकी वार्ता हुई, लेकिन जेल चिकित्सक ने पूरे मामले से किनारा कर लिया। इससे जेल प्रशासन की दाल नहीं गल सकी। इसके बाद जेल अधीक्षक एलएन दोहरे ने कहा कि बंदी दिलीप मौर्य ने शौचालय में फांसी लगाकर जान दी है। जेल अधीक्षक से जब यह पूछा गया कि यदि बंदी फांसी लगा रहा था तो बंदी रक्षक कहां थे? जबकि शौचालय के दरवाजे में ऊपर से नीचे की ओर करीब डेढ़ फिट की जाली लगी है। इस सवाल पर वह बगले झांकने लगे। जेल अधीक्षक का बयान जेल का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था के जिम्मेदारों को भी हजम नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि पांच फिट के शौचालय में सवा पांच फिट का आदमी फांसी नहीं लगा सकता है। जेल प्रशासन का यह बयान उन्हें हास्यास्पद लग रहा है। बहरहाल दिलीप मौर्य की मौत पर रहस्य का परदा पड़ा हुआ है। मजिस्ट्रेटी जांच के बाद इस रहस्य से परदा उठेगा।
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मजिस्ट्रेटी जांच पर टिकी निगाह
कौशांबी : जिला जेल में बंदी दिलीप मौर्य ने फांसी कैसे लगाई अथवा उसकी मौत की हकीकत क्या है? इस रहस्य से मजिस्ट्रेटी जांच में ही परदा उठेगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी राजमणि यादव ने तत्काल अधिकारियों से मजिस्ट्रेटी जांच का प्रस्ताव मांगा है। इस मामले में डीएम के तेवर से जेल प्रशासन सकते में है। डीएम का कहना है कि जेल में हुई मौत की मजिस्ट्रेटी जांच होती है। इसलिए इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
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कहां थे बंदी रक्षक
कौशांबी : जिला में बंदी दिलीप मौर्य की मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उसने फांसी लगाई है, लेकिन बंदीरक्षकों को इसकी भनक तक नहीं लगी वह भी अपराह्न करीब डेढ़ बजे। जबकि बैरक से निकलकर शौचालय जाने वाली बंदियों पर आरक्षियों की निगाह रहती है। इसीलिए शौचालय के दरवाजे पर ऊपर से डेढ़ फिट की जाली लगवाई गई है, लेकिन दिलीप की मौत के बाद ही बंदीरक्षक पहुंचे। इस मामले में जेल अधीक्षक एलएन दोहरे का कहना है कि जांच कराई जा रही है। यदि बंदीरक्षकों से लापरवाही हुई है तो कार्रवाई की जाएगी।
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परिजनों को नहीं दी जानकारी
कौशांबी : जिला जेल में मृत दिलीप मौर्य के परिजन शनिवार की शाम तक बेखबर थे। जेल प्रशासन ने उन्हें सूचना नहीं दी, न ही इलाकाई पुलिस ने जानकारी दी। मीडिया कर्मी जब तक मृतक के घर पहुंचे तो उन्हें घटना की सूचना मिली। जानकारी होते ही परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे। मृतक दिलीप मौर्य की पत्नी अपने तीन वर्षीय पुत्र आदित्य व आठ माह की बेटी रीतिका के साथ मायके में रहती है। छोटे भाई प्रदीप मौर्य का रो-रोकर हाल बेहाल है।
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जेल में उत्पीड़न की हो चुकी है शिकायत
कौशांबी : जिला जेल के बंदियों ने कई बार उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है। अपने अधिवक्ताओं के जरिए न्यायालय को भी इसकी सूचना दी गई है। इसके बावजूद जिला जेल में बंदियों का उत्पीड़न नहीं बंद हुआ। इसका परिणाम रहा कि शातिर अपराधी चिल्ला सिंह ने महीनों पहले कांच पीसकर पी लिया था। इसके अलावा एक बंदी ने अनशन शुरू कर दिया था। विरोध करने पर कई बंदियों को मारापीटा भी गया। सभी मामलों की शिकायतें अफसरों से की गई, लेकिन जेल प्रशासन पर अंकुश नहीं लग सका।