खेतों से उतरने लगा गंगा का पानी
कछला पुल पर भी आई जलस्तर में कमी सिचाई विभाग और प्रशासन ने ली राहत की सांस
जागरण संवाददाता, कासगंज: बैराजों से पानी का डिस्चार्ज कम होने से गंगा नदी की गुस्सा भी अब शांत हो रहा है जिससे पानी दबाव कम हो रहा है। वहीं खेतों में भरा पानी अब उतरने लगा है। गंगा नदी के रूख से सिचाई विभाग और जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वहीं तटवर्ती ग्रामों के लोगों की चिताएं भी कम हो गई हैं।
बीते चार दिनों से बैराजों से छोड़ा जा रहा पानी गंगा नदी पर इस कदर दबाव बना चुका था कि बाढ़ का पानी तटवर्ती ग्रामों की फसली भूमि का सीना चीर आबादी में दस्तक दे चुका था। गंगा नदी का रौद्र रूप देखकर सिचाई विभाग और जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल गए थे। किसानों की भी चिताएं बढ़ गई थीं। कहीं भीषण बाढ़ की त्रासदी न झेलनी पड़े, लेकिन शनिवार से बैराजों से पानी का डिस्चार्ज कम हुआ तो गंगा का जलस्तर भी घटने लगा। रविवार को गंगा के जलस्तर में और गिरावट आई। बैराजों से पानी का डिस्चार्ज कम हुआ तो तटवर्ती ग्रामों के खेतों में भरा पानी भी उतरने लगा है। गंगा का रूख शांत होने से जिला प्रशासन और सिचाई तथा ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। यह रहा पानी का डिस्चार्ज
गंगा में रविवार को हरिद्वार बैराज से पानी का डिस्चार्ज 83665, बिजनौर से 30566, नरौरा से 59555 क्यूसेक रहा है। कछल ब्रिज पर पानी का गैज 163.30 मीटर रिकार्ड किया गया है।
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चारागाहों में पानी से दलदल, हरे चारे की दिक्कत
गंगा नदी के किनारे बसे ग्रामों में चारागाह में गंगा का पानी भर जाने से वहां दल दल पैदा हो गई। पशुपालकों को चारे की दिक्कत हो रही है। उनके सामने चारे की समस्या के निदान के लिए पशुओं को चराने और चारे के लिए दूर गांवों में जाना पड़ रहा है।
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बाढ़ पीड़ितों को बंटवाया राशन और तेल
बाढ़ प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए प्रशासन गंभीर बना हुआ है। रविवार को एसडीएम शिवकुमार सिंह के निर्देश पर क्षेत्रीय डीलरों द्वारा ग्रामीणों को गेहूं, चावल, मिट्टी का तेल उचित दर वितरित कराया गया।
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गंगा में बैराजों से पानी का डिस्चार्ज निरंतर कम हो रहा है। कछल और कादरगंज घाट पर भी पानी के जलस्तर में गिरावट आई है। आने वाले दिनों में यह गिरावट और दर्ज की जाएगी।
- अरूण कुमार सिंह, अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग