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जिले में समाप्त नहीं हो पा रहा डीएपी का संकट

कासगंज संवाद सहयोगी जिले में डीएपी का संकट अभी बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 05:54 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 05:54 AM (IST)
जिले में समाप्त नहीं हो पा रहा डीएपी का संकट
जिले में समाप्त नहीं हो पा रहा डीएपी का संकट

कासगंज, संवाद सहयोगी : जिले में डीएपी का संकट अभी बरकरार है। सबसे अधिक समस्या सिढ़पुरा क्षेत्र में बनी हुई है। यूरिया की कीमत भी निर्धारित राशि से अधिक ली जा रही है। किसान परेशान हैं। कालाबाजारी रुक नहीं रही है। सिढ़पुरा क्षेत्र में इफको सेंटर पर ना यूरिया है और ना ही डीएपी।

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वैसे तो इन दिनों डीएपी की मांग अब कम हो गई हैं। वहीं, यूरिया की मांग बढ़ गई है। मांग कम होने के बावजूद भी सिढ़पुरा क्षेत्र में डीएपी की किल्लत बनी हुई है। जरूरतमंद किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रही है। इफको केंद्रों पर यूरिया एवं डीएपी की उपलब्धता बिल्कुल नहीं है किसान परेशान हैं। यदि कहीं यूरिया उपलब्ध भी है तो 80 से 100 रुपये अधिक किसान से वसूला जा रहा है। सिढ़पुरा पिथनपुर स्थित कापरेटिव सचिव अनिल पाल ने बताया कि डीएपी और यूरिया की कोई उपलब्धता नहीं है। बुधवार को आने की संभावना है। वहीं सिढ़पुरा इफको सेंटर के प्रोपराइटर ने बताया कि डीएपी की उपलब्धता नहीं है। समस्या बनी हुई है, आने की उम्मीद है। यूरिया पर 80 से 100 रुपये अधिक लिए जा रहे हैं। दुकानदार यह कह कर ले रहे हैं कि कंपनियां तमाम ऐसे केमिकल लगेज में दे रही हैं, जिनकी बिक्री नहीं है। यूरिया पर अधिक पैसे लेकर उसकी भरपाई की जा रही है।

- नागेश उपाध्याय, किसान गांव किलोनी सिढ़पुरा क्षेत्र में किसी भी केंद्र पर डीएपी नहीं हैं। पांच दिन से चक्कर लगा रहे हैं। डीएपी नहीं मिल पा रही है। पिथनपुर कापरेटिव पर गए थे वहां भी डीएपी नहीं मिली यहां यूरिया भी उपलब्ध नहीं है। परेशानी हो रही है।

- अनिल उपाध्याय, किसान गांव अष्टपुरा शहर में डीएपी केंद्रों पर है। यदि सिढ़पुरा में कहीं दिक्कत है तो उसे दिखवाया जाएगा। आठ हजार एमपी यूरिया की उपलब्धता है एक दो दिन में और उपलब्ध हो जाएगी।

- सुमित कुमार चौहान, जिला कृषि अधिकारी

बिना ई-पास मशीन के बेच दी डीएपी

संवाद सहयोगी, कासगंज : शासन के नियमों की अनदेखी कर उर्वरक विक्रेताओं ने बिना ई-पास मशीन के ही किसानों को डीएपी बेच डाली। मामला संज्ञान में आने पर जिला कृषि अधिकारी ने सात उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध लाइसेंस निरस्तीकरण की कारवाई की है। कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।

जिले में इस बार डीएपी खाद की भारी किल्लत रही। इस किल्लत के दौरान जिले के सात उर्वरक विक्रेताओं ने शासन के नियमों एवं विभाग के आदेशों की अनदेखी की और चार सौ बोरी डीएपी बिना ई-पास मशीन के ही किसानों को बेच डाली। विभाग के यहां आनलाइन चार सौ बोरी का स्टाक दिखाई देता रहा। फलस्वरूप जिले को डीएपी आवंटन में भी कम आवंटन होता रहा। मामला संज्ञान में आने पर जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने मामले की जांच कराई तो सामने आया कि कुछ उर्वरक विक्रेताओं ने बिना ई-पास मशीन के ही डीएपी की बिक्री किसानों को कर दी है। जिला कृषि अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने बताया कि ऐसे उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए इनके लाइसेंस निरस्त किए गए हैं। इनके विरुद्ध हुई है कार्रवाई

- मैसर्स मिश्रा ट्रेडर्स कैनाल रोड़ गंजडुंडवारा

- यादव खाद बीज भंडार सहबाजपुर

- मैसर्स श्रेया ट्रेडर्स गढ़ी

- मैसर्स वर्मा खाद भंडार सिढ़पुरा

- मैसर्स देवेंद्र खाद भंडार करसरी

- मूना फर्टिलाइजर्स कासगंज

- मोहम्मद अब्दुल अजीज अब्दुल सलीम कासगंज


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