संभलके, जोखिम भरी है शहर की हर डगर
चार मुहल्ले चार बाजार ऐसा शहर कासगंज है गुलजार।
संभलके, जोखिम भरी है शहर की हर डगर
कासगंज, संवाद सहयोगी : कभी यह कहावत थी चार मुहल्ले, चार बाजार, इनसे है कासगंज गुलजार...। अब हालात इस कहावत के एकदम विपरीत हैं। मुख्य बाजारों की चारों सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। जगह-जगह गढ्डे रोज राहगीरों को चुटैल कर रहे हैं। बाजार से गुजरने वाले बुजुर्गो, महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी इन्हीं मार्गों से गुजरते हैं, लेकिन उन्हें जख्मी सड़कों का कोई ख्याल नहीं। जल निगम ने पाइप लाइन डालने के बाद जो खुदाई की है, उससे सड़कों का हाल और बेहाल हो गया है। सड़कों की दुर्दशा को लेकर व्यापारी वर्ग में आक्रोश है।
यहां के मुख्य बाजार नदरई गेट, सोरों गेट, बिलराम गेट और सहावर गेट की सड़कें दशकों से नहीं बनी हैं। हां, मेला, रामलीला की प्रमुख शोभायात्राओं के दौरान इनमें पेंचवर्क जरूर पालिका हर साल करा देती है। यह इतने घटिया दर्जे का होता है कि कुछ ही दिनों में उखड़ जाता है और गड्ढे पहले जैसा ही रूप ले लेते हैं। फिलहाल हाल यह है कि राह गुरते वक्त वाहन चालक को गड्ढों से बचने के लिए सड़क ढूंढनी पड़ती है। दोपहिया वाहन या ई-रिक्शा आदि में बैठकर गुजरने वाले बुजुर्ग और महिलाओं की हालत तो दच्चियों से खराब हो जाती है।
नदरई गेट इलाके में मुख्य बाजार की सड़क पहले से ही क्षतिग्रस्त थी। जगह-जगह गढ्डे हो रहे थे। लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही थी। इसके बाद जल निगम ने रही बची कसर पूरी कर दी। पाइप लाइन डालने के बाद मरम्मत के नाम पर औपचारिकता पूरी की है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है।
- नीरज माहेश्वरी, व्यापारी
बाराद्वारी से लेकर सोरों गेट तक सड़क में तमाम गढ्डे हैं। ई-रिक्शा में यात्रा करने वाले बुजुर्गो, महिलाओं को काफी परेशानी हो रही है। अस्पताल की आेर जाने वाले रोगियों के वाहन भी हिचकोले खाते हुए सड़कों से निकलते हैं। जनप्रतिनिधियों से शिकायतें की हैं। समाधान नहीं हुआ है।
- दीपक गुप्ता, सराफ
नगर पालिका की सीमा में मुख्य बाजार की चार सड़कें हैं। इनमें से सहावर गेट की सड़क ज्यादा दुर्दशा का शिकार है। जगह-जगह उबड़-खाबड़ स्थिति बनी हुई है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर देहात से आने वाले खरीदारों को परेशानी उठानी पड़ती है। छोटे-मोटे हादसे होने का क्रम लगातार बना हुआ है। सड़कें बननी चाहिए।
- राम रक्षपाल सिंह, व्यापारी
बिलराम गेट इलाके का बाजार काफी व्यस्त रहता है। शैक्षिक संस्थान भी इलाके में स्थित हैं। सड़कें बिगड़ चुकी हैं। व्यापारियों के अलावा राह से गुजरने वाले प्रत्येक राहगीर को परेशानी हो रही है। अधिकारी, जनप्रतिनिधि भी इन्हीं सड़कों से गुजरते हैं। उन्हें ध्यान देकर सड़कों को व्यवस्थित करना चाहिए।
- अनुरुद्ध पल्तानी, सराफ
पालिका के पास फिलहाल बजट का अभाव है। शासन से बजट मिलते ही शहर की प्रमुख चारों सड़कों का निर्माण नए सिरे से कराया जाएगा।
रजनी साहू, पालिकाध्यक्ष