प्रतिमा लगने से बढ़ेगा जिले का मान और सौहार्द
संवाद सहयोगी, पटियाली: जागरण के अभियान खुसरो मांगे आजादी.. अवाम की आवाज बनता जा रहा है।
संवाद सहयोगी, पटियाली: जागरण के अभियान खुसरो मांगे आजादी.. अवाम की आवाज बनता जा रहा है। राजनेताओं किसानों, साहित्यकारों और विद्याíथयों ने खड़ी बोली के प्रथम कवि अमीर खुसरो की प्रतिमा को उचित स्थान पर लगाए जाने की मांग को न्याय उचित मान रहा है।
शनिवार को सिढ़पुरा के हाजी गुलाम रसूल हाई स्कूल के विद्यार्थी भी मुहिम से जुड़े। विद्याíथयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। जिसमें उन्होने लिखा कि तहसील पटियाली में जन्म लेकर विश्व में देश का नाम रोशन करने वाले खड़ी बोली के कवि अब्दुल हसन यमिनुद्दीन अमीर खुसरो की प्रतिमा तहसील कोषागार में हैं। उनकी प्रतिमा पिछले तीन वर्ष से स्थापित होने का इंतजार कर रही है। प्रतिमा का यूं मालखाने में रहना साहित्य जगत का अपमान है। अमीर खुसरो जैसे साहित्यकार को जाति या धर्म की परधि में नहीं बांधा जा सकता। ऐसी विभूतियां जिस जमीन पर जन्म लेती हैं वह जमीन धन्य होती है। अमीर खुसरों की प्रतिमा मालखाने से निकालकर सम्मानजनक स्थान पर स्थापित किए जाने जिले के मान को ही नहीं बल्कि सौहार्द को भी बढ़ावा मिलेगा।
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'अमीर खुसरो देश की धरोहर हैं इन्हें सजेह कर रखना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है। पटियाली उनकी जन्मस्थली है। यहां की उनकी प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए है।'
-डॉ. वाहिद अली
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'इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा। ऐसे महान व्यक्तित्व की प्रतिमा की स्थापना के लिए मांग करनी पड़ रही है। अमीर खुसरो जिले की शान और देश का मान हैं। उनकी प्रतिमा लगे।'
-विशाल बाबू गुप्ता