युवा शक्ति ने संत तुलसीदास स्मारक पर दिया धरना
सोरों संवाद सूत्र गुरुवार को सोरों के हरिपदी गंगा घाट स्थित तुलसीदास स्मारक पार्क में राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन किया।
सोरों, संवाद सूत्र : गुरुवार को सोरों के हरिपदी गंगा घाट स्थित तुलसीदास स्मारक पार्क में राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री से सोरों को जल्द से जल्द तीर्थस्थल घोषित करने की मांग की।
युवा शक्ति प्रमुख प्रदीप रघुनंदन ने कहा अंतरराष्ट्रीय महत्व के बावजूद भी सोरों को राज्य सरकार की ओर से उचित महत्व नहीं दिया जा रहा है। तीर्थ क्षेत्र होने के बावजूद भी इसे तीर्थस्थलों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अब यह आंदोलन निर्णायक भूमिका में पहुंचने के बाद ही समाप्त होगा। प्रदीप रघुनंदन ने कहा कि शुक्रवार से सूकर क्षेत्र संयुक्त विकास मोर्चा के तत्वावधान में क्रमिक अनशन शुरू होगा। राष्ट्रीय युवा शक्ति इसमें बढचढ़कर हिस्सा लेगी। राष्ट्रीय युवा शक्ति के कोआर्डिनेटर किशोर शर्मा ने कहा कि दुर्भाग्य एवं वादाखिलाफी सोरों के साथ जुड़ी हुई है। तीर्थ क्षेत्र को अब तक तीर्थ स्थलों की सूची में शामिल न करके राज्य सरकार ने अपनी कमजोर इच्छाशक्ति का परिचय दिया है। रामनिवास मिश्रा, लियाकत अली, धर्मपाल सिंह, रामदुलारे, नेमीचंद्र जैन, बी.डी मौर्या, एसबी सिंह, दीपक कुमार, महेश चंद्र, हिमांशु मौर्य, सरदार सुखपाल सिंह मौजूद रहे। तीर्थ को लेकर भगवान स्वरूप में सजे पात्रों ने दिया धरना
संवाद सूत्र, सोरों : सूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थस्थल घोषित कराने की मांग रामलीला के मंचन के दौरान भी की गई। बुधवार रात को भगवान स्वरूप सजे पात्रों ने धरना देकर मुख्यमंत्री से मांग की कि जल्द से जल्द सोरों को तीर्थ स्थल घोषित किया जाए।
सोरों को उसका हक दिलाने के लिए रामलीला मंच से राम, हनुमान, लक्ष्मण, अंगद आदि के स्वरूपों ने हाथों में तख्तियां लेकर धरना। रामलीला मैदान में बैठी हजारों की भीड़ ने भगवान श्री राम के दरबार में मांग का स्वागत किया और साथ ही कसम खाई कि सोरों को तीर्थ स्थल घोषित करने के लिए सभी प्रयास करेंगे। रामलीला में मौजूद कस्बा के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों लोगों ने भी सोरों को जल्द से जल्द तीर्थस्थल घोषित करने की मांग सरकार से की। आंदोलन के संयोजक भूपेश शर्मा ने बताया कि जब तक धार्मिक नगरी को उसका हक नहीं मिलता आंदोलन जारी रहेगा।