Move to Jagran APP

शरद पूर्णिमा : गंगाघाटों पर गूंजे हर-हर गंगे के स्वर

शरद पूर्णिमा पर बुधवार को स्नानार्थियों ने गंगाघाट पर पहुंचकर गंगा

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 07:46 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 07:46 AM (IST)
शरद पूर्णिमा : गंगाघाटों पर गूंजे हर-हर गंगे के स्वर

संवाद सहयोगी, कासगंज : शरद पूर्णिमा पर बुधवार को स्नानार्थियों ने गंगाघाट पर पहुंचकर गंगा में स्नान किया। घरों में माता लक्ष्मी की पूजा हुई। महिलाओं ने उपवास रख परिवार की सुख समृद्धि की कामना की। मंदिरों में भी धार्मिक अनुष्ठान किए गए।

loksabha election banner

शरद पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी, चंद्र व इंद्र की पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन लक्ष्मी, चंद्र व इंद्र की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और गंगा स्नान का विशेष फल मिलता है। इसी मान्यता के चलते जिले भर में शरद पूर्णिमा पर्व परंपरागत तरीके से मनाया गया। सोरों के हरिपदी गंगाघाट, लहरा गंगाघाट, कछला गंगाघाट एवं पटियाली के कादरगंज गंगाघाट पर पूर्णिमा की सुबह ही पहुंचकर श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। गंगा मईया का दुग्धाभिषेक किया। पूजन कर जरूरतमंदों को दान दिया। गंगाघाटों पर हर-हर गंगे के स्वर गूंजते रहे। घरों में महिलाओं ने धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की। उपवास रखा। घरों में खीर बनाई गई। चंद्रमा उदय के बाद खीर में चंद्रमा का प्रतिबिंब निहारा गया। उसके बाद महिलाओं ने उपवास तोड़ा। खीर से माता लक्ष्मी का भोग लगाया। बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। मंदिरों में भी खीर का प्रसाद वितरित किया गया। हवन एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान हुए। सजी अयोध्या प्यारी है मस्ती में डूबे नर नारी हैं: श्रीराम लीला महोत्सव के समापन के अवसर पर मंगलवार की रात अखिल भारतीय कवि सम्मेलन रामलीला मंच पर हुआ। कवियों ने देर रात तक चले इस कवि सम्मेलन में काव्यपाठ कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। आयोजकों द्वारा कवियों को पटुका पहनाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डा. बीडी राना, महेंद्र बघेल एवं रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। कवि सम्मेलन का प्रारंभ कवियत्री सरला शर्मा ने सरस्वती वंदना पढ़कर किया। फिर शुरू हुआ काव्यपाठ का सिलसिला तो कवियों ने विभिन्न विधाओं में काव्यपाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। डा. अखिलेश मिश्रा ने अपनी कविता में पढ़ा कि पवित्रता की सीता को धर्म निभाना था लक्ष्मण तुम क्यों गए राम को जाना था। डा. अजय अटल ने पहला प्यार अमर होता है सारी उम्र असर होता है। श्रंगार रस की कविता पढ़कर श्रोताओं की तालियां लूटीैं। कवि विपिन शर्मा ने सियाराम अयोध्या आ पहुंचे फिर सजी अयोध्या प्यारी है। कवि सम्मेलन में हास्य कवि सबरस मुरसानी ने लोगों को गुदगुदाया। कवि राजकुमार भरत ने वियोग-श्रंगार रस की कविता पढ़ी। संचालन डा. अखिलेश मिश्रा ने किया। आयोजकों द्वारा कवि एवं अतिथियों को सम्मानित किया गया। हरीश पाठक, अनिल गुप्ता, उदित वशिष्ठ, मोनू, केके सक्सेना, नरेंद्र यादव, पंकज भारद्वाज, सत्यनारायण बिड़ला, संजीव मराठा, विवेक वशिष्ठ, छोटू वशिष्ठ श्रोतागण मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.