भतीजे ने लूटवाए थे ताऊ के 1.90 लाख
-विगत दिनों हुई लूट का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। पुलिस ने दो आरोपितों को दबोच लिया है। नदरई की श्रेयस ग्रामीण बैंक से निकाली गई थी रकम। लूट की साजिश वादी के परिवार के एक सदस्य ने ही रची थी। -तबालपुर गांव
- फोटो- पांच-
-दो दबोचे, नदरई की श्रेयस ग्रामीण बैंक से निकाली गई थी रकम
-तबालपुर गांव के पास बदमाशों ने दिया था वारदात को अंजाम, पांच फरार
जागरण संवाददाता, कासगंज: घर का भेदी लंका ढाए,वाली कहावत को चरितार्थ कर भतीजे ने साजिश कर ताऊ को ही लुटवा दिया। बैंक से कैंसर पीड़ित पुत्रवधू के इलाज के लिए निकाली गई 1.90 लाख की रकम को सगे भतीजे ने बदमाशों से मिलकर लुटवाया था। 10 दिन पहली हुई वारदात का राजफाश कर पुलिस ने दो बदमाशों को कुछ रकम समेत दबोच लिया, जबकि वादी के भतीजे समेत पांच बदमाश फरार है।
मंगलवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान एसपी अशोक कुमार शुक्ल ने बताया कि शहर कोतवाली के ग्राम तबालपुर के दुर्जन सिंह 20 अक्टूबर को भाई लवकुश और भतीजे श्रीकांत के साथ पुत्रवधू के कैंसर के इलाज के लिए नदरई स्थित ग्रामीण बैंक से केवाईसी खाते से 1.90 लाख रुपये निकालकर गांव जा रहे थे। रास्ते में गांव से पहले तीन मोटरसाइकिल सवार बदमाश श्रीकांत की बाइक को टक्कर मारकर नकदी भरा थैला लूट ले गए। एसपी ने बताया कि वारदात को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने एएसपी डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी के निर्देशन और सीओ सिटी गवेंद्र पाल गौतम के नेतृत्व में सर्विलांस टीम और शहर कोतवाली की टीम का गठन किया।
टीम ने सर्विलांस और सूचनाओं के आधार पर मंगलवार दोपहर 12:30 बजे काशीराम कॉलोनी हजारा नहर पुल के पास से लूट की साजिश में शामिल दो आरोपितों को लूटी गई रकम में से 1.16 लाख रुपये और मोटरसाइकिल समेत दबोच लिया। तलाशी के दौरान पकड़े गए मनोज कुमार सिंह ग्राम भोगपुर थाना सोरों और अजय उर्फ अभय उर्फ छोटू उर्फ शिवेंद्र पुत्र ओमबीर निवासी कांतौर से एक तमंचा भी बरामद हुआ है। उन्हें जेल भेज दिया है।
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अभी पांच और फरार-
लूट की वारदात को अंजाम देने में अहम भूमिका दुर्जन सिंह के भतीजे श्रीकांत ने निभाई थी। अब पुलिस को इस मामले में श्रीकांत निवासी तबालपुर, मोहित निवासी कांतौर, रामू निवासी कांतौर, विनीत निवासी भोगपुर थाना सोरों और रामू के एक अन्य साथी की तलाश है। एसपी ने बताया कि लूट के लिए कई दिन से योजना बन रही थी। दुर्जन सिंह के भतीजे श्रीकांत की निगाह ताऊ के पैसे पर थी। उसने अजय से इस वारदात को अंजाम देने को कहा तो उसने मनोज को इसमें शामिल कर लिया। श्रीकांत ने कहा था कि बैंक से पैसा निकालते ही वह मोबाइल पर हेलो बोलेगा। इसके बाद वारदात को अंजाम देना है। मनोज और विनीत ने गांव के भांजे और उसके मित्रों को शामिल किया। भतीजा चिकित्सिक भी है। पूर्व में वह सलेमपुर बीबी में डॉक्टरी की दुकान करता था।
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पुलिस को मिला 25 हजार का इनाम-
लूट की वारदात का खुलासा करने में अहम भूमिका निभाने वाले शहर कोतवाली प्रभारी एके सिंह के अलावा एसआइ जितेंद्र सिंह, एसएसआइ जगमोहन कश्यप, हेड कांस्टेबल सबलेंद्र प्रताप ¨सह, आरक्षी अजय राठी, अरुण मलिक, अमित कुमार को एसपी ने वारदात के सफल अनावरण पर 25 हजार का इनाम दिया है।