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लोभी एवं लालची प्रवृत्ति है सबसे घातक

सुबह से शाम तक चले धाíमक कार्यक्रम आत्मा को निर्मल पवित्र बनाने की सीख

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 10:57 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 06:17 AM (IST)
लोभी एवं लालची प्रवृत्ति  है सबसे घातक
लोभी एवं लालची प्रवृत्ति है सबसे घातक

जागरण संवाददाता, कासगंज : पर्यूषण महापर्व के तहत जैन मंदिरों में सुबह पूजा अर्चना हुई। उत्तम शौच धर्म के संबंध में बताते हुए श्रद्धालुओं को लोभ एवं लालच से दूर रहने की सीख दी।

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वक्ताओं ने कहा आज का दिन जैन धर्म के लिए पवित्र दिन है। आज ही के दिन जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याण हुआ था। पं.अनिल कुमार जैन ने श्रीपारस नाथ दिगंबर जैन मंदिर नदरई गेट एवं श्रीचंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर बिलराम गेट पर पूजा कराई। निर्वाण लाड़ू चढ़ाया गया। विद्वान पं.सूरज जैन ने उत्तम शौच के संबंध में बताते हुए कहा कि दशलक्षण पर्व का आज चौथा दिन है। उन्होंने कहा कि क्रोध, अहंकार और छल-कपट से भी अधिक घातक जीव की लोभी-लालची प्रवृत्ति होती है, जो हिसा, झूठ, चोरी, कुशील और परिग्रह रूपी पांचों पापों के लिए प्रेरित करती है। इसके चलते प्राणी दिन-रात और न्याय-अन्याय भूलकर धन संग्रह में लगा रहता है। आत्मा को निर्मल, पवित्र या शुचिमय बनाने की प्रेरणा उत्तम शौच धर्म देता है। जैन रथ मेला कमेटी अध्यक्ष मंयक जैन, महामंत्री राहुल जैन, कोषाध्यक्ष शशांक जैन, मीडिया प्रभारी दीपक जैन, विजय जैन आकाश जैन, हर्षित जैन, विनोद जैन, जय कुमार जैन, अंकित जैन, लीना जैन, भावना जैन, अर्चना जैन, कुमोद जैन आदि उपस्थित थे।


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