नमाज अदा कर की अमन चैन की दुआ
शुक्रवार को रमजान माह के तीसरे दिन सहरी के बाद रोजेदारों ने नमा
संवाद सहयोगी, कासगंज : शुक्रवार को रमजान माह के तीसरे दिन सहरी के बाद रोजेदारों ने नमाज अदा की। शाम को इफ्तार कर रोजा खोला। अल्ला ताला से मुल्क में अमन चैन और भाई-चारे की दुआ की।
रमजान माह के पहले जुमां पर मुस्लिम समाज के लोगों ने शहर की मस्जिदों में जाकर नमाज अदा की। जुमां की नमाज के बाद जरूरतमंदों को दान दिया। कोरोना संक्रमण के चलते बड़े और बूढ़े नमाज के लिए मस्जिदों में नहीं गए। घरों में रहकर ही नमाज अदा की। मस्जिदों में कोरोना के नियमों का पालन कराया जा रहा था। शाम को रोजेदारों ने इफ्तार कर रोजा खोला। एक मीनार मस्जिद के इमाम मोहब्बे अली ने मुस्लिम समाज के लोगों से अपील की है कि मुल्क में आपदा आई हुई है। सभी रमजान के इस माह में जरूरतमंदों की मदद करें। दुखियों की मदद करने वालों पर ही अल्लाह की रहमत बरसती है। जुमे की नमाज के चलते शहर की मस्जिदों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात रही।
अल्लाह की इबादत और जरूरतमंदों की मदद का माह है रमजान : रमजान माह में अल्ला का शुक्रिया अदा करते हुए अंत में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाता है। मुस्लिम समाज में रमजान के महीने को सबसे पवित्र माना गया है। रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखकर खुदा की इबादत करते हैं। जरूरतमंदों की सेवा इस माह का मुख्य पहलू है।
शहर काजी हाफिज इकराम कहते हैं कि इस पवित्र महीने में रोजे रखकर अल्लाहताला से अमन चैन की दुआ मांगनी चाहिए। इस समय देश आपदा से जूझ रहा है प्रत्येक भारतवासी का फर्ज है कि वह देश की सलामती के लिए दुआ करे। हिदू नवरात्र एवं मुस्लिम रमजान में उपवास करें। आपसी भाईचारा और गंगा जमुनी की तहजीब को बनाए रखें। धर्म यही संदेश देता है पूजा पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन इंसानियत और मानवता का सभी धर्माें में समान स्थान है। मुस्लिम रमजान के महीने में जरूरतमंदों की मदद करें। याद रखें कि मदद करते समय जरूरतमंद की जाति और धर्म को न देखें, तभी रोजे रखने का मकसद हल होगा और यही अल्लाह की सच्ची इबादत होगी। मस्जिदों में नमाज अता करते समय कोरोना के नियमों का पालन करें।