Move to Jagran APP

नालियों के उफान से गड़बड़ाई दिनचर्या

लोगों का गुस्सा यूं ही नहीं फूटा। नालियों का उफान तो कई दिन से था, लेकिन गुरूवार सुबह यह बर्दाश्त से बाहर हो गया। लोगों ने हर रोज पानी के बीच से गुजरने के लिए जो ईंटे बिछाई थी वो भी पानी में डूब गई। बटू नगर की गलियों से बढ़ता हुआ पानी मुहल्ला हुल्का तक पहुंच गया। कई लोग अपनी दुकान नहीं खोल पाए तो गंदे पानी को देख कई महिलाएं घर से बाहर नहीं निकली। छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। जिन स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं, उनमें पढ़ने वाले बच्चों को छोड़ने के लिए अभिभावक साइकिल पर बैठाकर पानी से गुजरते नजर आए। वहीं बड़े बच्चे हाथ में सैंडिल लेकर नालियों के पानी से गुजरे। नमाज के लिए जाने वाले हों या मंदिर में दर्शन करने। गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 11:58 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 11:58 PM (IST)
नालियों के उफान से गड़बड़ाई दिनचर्या
नालियों के उफान से गड़बड़ाई दिनचर्या

जागरण संवाददाता, कासगंज : लोगों का गुस्सा यूं ही नहीं फूटा। नालियों का उफान तो कई दिन से था, लेकिन गुरूवार सुबह यह बर्दाश्त से बाहर हो गया। लोगों ने हर रोज पानी के बीच से गुजरने के लिए जो ईंटे बिछाई थी वो भी पानी में डूब गई। बटू नगर की गलियों से बढ़ता हुआ पानी मुहल्ला हुल्का तक पहुंच गया। कई लोग अपनी दुकान नहीं खोल पाए तो गंदे पानी को देख कई महिलाएं घर से बाहर नहीं निकली।

loksabha election banner

छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। जिन स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं, उनमें पढ़ने वाले बच्चों को छोड़ने के लिए अभिभावक साइकिल पर बैठाकर पानी से गुजरते नजर आए। वहीं बड़े बच्चे हाथ में सैंडिल लेकर नालियों के पानी से गुजरे। नमाज के लिए जाने वाले हों या मंदिर में दर्शन करने। गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ा। एक कमरे के मकानों तक पानी पहुंच जो से लोगों के घरों में भी खाना नहीं बना। इसके चलते लोग सड़क पर उतरे।

-------

--जनता का दर्द---

'बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं। कई दिन हो गए, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही।'

-राजकुमारी

मुहल्ला हुल्का

'सात दिन से यह परेशानी है। नमाज के लिए जाएं तो ऐसे पानी से गुजरना पड़ता है। आखिर शहर के मुहल्लों के इस हाल पर किसी की नजर क्यों नहीं जाती।'

-जावेद

मुहल्ला हुल्का 'घर के अंदर तक पानी पहुंच गया है। आज खाना भी नहीं बना। नगर पालिका को पहले ही पानी निकासी का इंतजाम करना चाहिए था।'

-नूरजहां

'गली में इतनी जगह भी नहीं है कि कहीं पर पैर रख कर निकल जाएं। अब सर्दी के मौसम में नालियों के गंदे पानी से गुजरना पड़ रहा है।'

-छोटेलाल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.