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मौसम की मार, श्वांस-टीबी रोगी परेशान

मौसम में आया बदलाव और धूल-धुआं श्वांस-टीबी रोगियों के लिए परेशानी का कारण बना है। त्योहार की सफाई से प्रदूषण का स्तर बढ़ने और सुबह ठंड होने से रोगियों दिक्कत हो रही है। जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की तादात बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 10:53 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 10:53 PM (IST)
मौसम की मार, श्वांस-टीबी रोगी परेशान
मौसम की मार, श्वांस-टीबी रोगी परेशान

जागरण संवाददाता, कासगंज: मौसम में आया बदलाव और धूल-धुआं श्वांस-टीबी रोगियों के लिए परेशानी का कारण बना है। त्योहार की सफाई से प्रदूषण का स्तर बढ़ने और सुबह ठंड होने से रोगियों दिक्कत हो रही है। जिला अस्पताल में ऐसे मरीजों की तादात बढ़ गई है। चिकित्सक पूरी तरह सर्दी आने के बाद बीमारी के कम होने की बात कह रहे हैं।

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मौसम का मिजाज दिन-प्रतिदिन बदल रहा है। दिन- रात के तापमान में बड़ा अंतर आने लगा है। रात में ठंड और दिन की गर्मी के बीच जरा भी लापरवाही बरती तो बीमार होते देर नहीं लगेगी। चिकित्सक बच्चों, बुजुर्गों के साथ ही दिल और श्वांस, टीबी के मरीजों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। दिन और रात के तापमान में 13 डिग्री का अंतर आ रहा है। बुधवार को अधिकतम तापमान 30 डिग्री रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रिकार्ड किया गया। साफ है कि रात में ठंड रही और दिन में मौसम गर्म रहा। तापमान का यही अंतर परेशानी खड़ी कर सकता है।

गर्म कपड़े पहनकर घर से निकलें:

दिन की गर्मी के बाद शाम को मौसम एकदम से ठंडा हो जाता है। सुबह घर से निकलकर देर शाम तक लौटने वाले वाले लोग गर्म कपड़े पहनकर निकलें या अपने साथ रख लें। क्योंकि जब उनके घर लौटने का समय होगा तब तक मौसम काफी ठंडा हो चुका होगा। सुबह घूमने जाने वाले भी उठकर यूं ही न चल दें। गर्म कपड़े पहन कर निकलें तो बेहतर होगा।

अस्पताल की ओपीडी में बढ़ रहे मरीज: बदलते मौसम के साथ ओपीडी में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। संयुक्त जिला अस्पताल में सात सौ आठ सौ मरीज आते थे, लेकिन अब प्रतिदिन लगभग एक हजार से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। सीएमएस डॉ. राजकशोर का कहना है कि बदलते मौसम में मरीजों की संख्या बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे मौसम में श्वांस-टीबी और दिल के मरीजों को परेशानी होने लगती है।

बरतें सावधानी, नहीं होगी परेशानी:

श्वांस-टीबी और दिल के मरीज कोहरे के समय घर से निकलने से परहेज करें। जितना संभव हो सके श्वांस रोगी धूल से बचें। बुजुर्ग और छोटे बच्चों का ध्यान रखें। हल्के गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दें। दिन में भी इन्हें पहने रहें। आइसक्रीम, कोल्ड ¨ड्रक और फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं। श्वांस के मरीज जल्द सुबह घूमने न निकलें, परेशानी हो सकती है। हेल्दी खाना खाएं, बासी और गरिष्ठ भोजन से परहेज करें।


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