अलाव को तरस रहे ठंड से ठिठुरते बेघर
जनजीवन ठंड से ठिठुर रहा है। निराश्रित बेसहारा और बेघर खुले आसमान के नीचे रात व्यतीत कर रहे हैं। उनकी इस परेशानी को नगर पालिका नजरअंदाज किए हुए है। कस्बे में अभी तक पालिका द्वारा अलाव जलाए जाने की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि मेले में बुधवार से अलाव व्यवस्था शुरू की गई। पालिका की उदासीनता पर लोगों में आक्रोश है।
संवाद सूत्र, सोरों: जनजीवन ठंड से ठिठुर रहा है। निराश्रित बेसहारा और बेघर खुले आसमान के नीचे रात व्यतीत कर रहे हैं। उनकी इस परेशानी को नगर पालिका नजरअंदाज किए हुए है। कस्बे में अभी तक पालिका द्वारा अलाव जलाए जाने की व्यवस्था नहीं की गई है। जबकि मेले में बुधवार से अलाव व्यवस्था शुरू की गई। पालिका की उदासीनता पर लोगों में आक्रोश है।
दिसंबर समाप्त की ओर है और सर्दी चरम पर है। ठिठुरन गलन भरी सर्दी से जनजीवन बेहाल है। परदेशियों और बेघर के लिए इस ठिठुरन भरी सर्दी में रात गुजारने के लिए अलाव ही सहारा बनते हैं। अलाव जलाने का जिम्मा पालिका और नगर पंचातय पर रहता है। वैसे तो यह अलाव दिसंबर के प्रारंभ में ही शुरू हो जाते हैं, लेकिन मौसम के रूख पर भी अलाव जलना निर्भर होता है। मौसम पूरी तरह बेरूखी दिखा रहा है। गलन भरी ठंड पड़ रही है। लोग ठिठुर रहे हैं। सड़कों पर रात काटने के लिए अलाव नहीं जलाए गए हैं। पालिका की बेरूखी लोग परेशानी का सामना कर रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों में भी पालिका के विरूद्ध आक्रोश है। गंगा भक्त समिति के सतीश भारद्वाज ने जिलाधिकारी आरपी ¨सह अलाव जलवाए जाने की मांग की है।
सिढ़पुरा में जल रहे अलाव:
कस्बा सिढ़पुरा में शीतलहर से बचाव के लिए धुमरी, पटियाली चौराहा, अमांपुर चौराहा, करतला रोड, काली मंदिर सहित कई स्थानों पंचायत द्वारा अलाव जलवाए जा रहे हैं। जो बेघरों के लिए सर्दी से राहत दिलाने में सहायक बन रहे हैं।