होली का दिखा साइड इफेक्ट, जिला अस्पताल पहुंचे 1000 से अधिक मरीज; 500 से ज्यादा स्कीन के रोगी
होली की वजह से रविवार और सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रही लेकिन इमरजेंसी सेवा जारी रही। मंगलवार को ओपीडी खुली मगर मरीज कम पहुंचे। बुधवार को ओपीडी में मरीजों की सुबह से ही कतार लग गई। चिकित्सकों को दिखाने के लिए 1195 मरीजों ने पंजीकरण कराया। इससे पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सक कक्षों के बाहर तक कतारें लगी रहीं।
जागरण संवाददाता, कासगंज। होली के बाद मरीजों की संख्या बढ़ गई। जिला अस्पताल की ओपीडी में बुधवार को 1,195 मरीज पहुंचे। चार दर्जन से अधिक मरीज ऐसे थे जिनके दुर्घटनाओं में हाथ-पैरों में चोटें आई थीं। रंग-गुलाल से कुछ के शरीर पर लाल दाने निकल आए थे, तो कोई खुजली से परेशान था। इसके अलावा तरह-तरह के व्यंजन खाने से तमाम लोगों का पेट खराब हो गया था।
होली की वजह से रविवार और सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रही, लेकिन इमरजेंसी सेवा जारी रही। मंगलवार को ओपीडी खुली मगर, मरीज कम पहुंचे। बुधवार को ओपीडी में मरीजों की सुबह से ही कतार लग गई। चिकित्सकों को दिखाने के लिए 1,195 मरीजों ने पंजीकरण कराया। इससे पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सक कक्षों के बाहर तक कतारें लगी रहीं।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. कृष्ण अवतार और डा. राेहिताश ने बताया कि होली दुर्घटना के शिकार हुए चार दर्जन से अधिक मरीज आए हैं। किसी के पैर में फ्रैक्चर था तो किसी का हाथ टूटा ता। उन सभी का एक्स-रे कराकर प्लास्टर आदि किया गया है। चर्मरोग पीड़ित भी सौ से अधिक मरीज आए हैं। किसी के शरीर पर दाने निकल आए थे तो किसी की त्वचा झुलस गई थी। कोई खुजली का शिकार था।
चिकित्सको ने एक- एक कर मरीजों को चेक किया। यह आलम सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक जारी रहा। मरीजो की भीड़ के चलते ओपीडी के बाहर खडे़ सुरक्षा गार्ड भी परेशान हो गए। जनरल ओपीडी में होली पर पकवान खाने से बीमार हुए लोग पहुंचे। इनें किसी के पेट में दर्द था तो कोई उल्टी-दस्त का शिकार था।
दो दिन में 213 एक्स-रे
होली के दौरान मारपीट और सड़क दुर्घटनाओं में तमाम लोग घायल हुए हैं। जिला अस्पताल में ही मंगलवार ओर बुधवार दो दिन में 213 लोगों ने एक्स-रे कराए हैं। बुधवार को भी एक्स-रे कराने के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा। सुबह दस बजे से दोपहर दो बजे तक एक्स-रे करने वाली टीम को फुर्सत नहीं मिली।
ओपीडी में पहुंचे मरीज
बीमारी | पीड़ितों की संख्या |
बुखार | 235 |
उल्टी-दस्त और पेट में दर्द | 232 |
चर्म रोग | 122 |
हाथ-पैर में चोट | 58 |
दमा | 100 |
ट्रामा | 48 |
अन्य बीमारियां | 400 |
भिदौंनी योगेश कुमार के अनुसार, होली पर घर जा रहे थे, अचानक सड़क पर भरे पानी से बाइक फिसल गई। पैर से चला नहीं जा रहा है। अस्पताल में एक्स-रे करा कर देखा तो पैर में फ्रैक्चर निकला है। प्लास्टर कराने के लिए बैठे हैं। बहुत भीड़ लगी है। नंबर आने पर प्लास्टर किया जाएंगा।
नगला सहजन वीरपाल सिंह के अनुसार, होली के दिन पैदल बाजार करने निकले थे, तभी सहावर की ओर से आ रहे एक बाइक पर तीन सवारों ने टक्कर मार दी। इससे चोट आई है। हाथ में फ्रैक्चर हो गया है। प्लास्टर कराने के लिए जिला अस्पताल में आए हैं। अभी नंबर नहीं आया है।
फिजीशियन डा. कर्मवीर सिंह का कहना है कि होली पर रंगो के दुष्प्रभाव सामने आए हैं। सौ से अधिक मरीज देखे हैं। किसी के दाने निकले थे तो किसी की त्वचा झुलसी हुई थी। सभी को दवा देने के साथ ही सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्हें सलाह दी गई है कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें।
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. रोहिताश सिंह के अनुसार, जिला अस्पताल की ओपीड़ी में ट्रामा के चार दर्जन से अधिक मरीजों को इलाज किया गया है। होली की भागदौड़ में कोई हाथ तोड़ कर आया है, तो कोई पैर तौड़कर। सभी का इलाज किया जा रहा है। प्लास्टर किए जा रहे हैं।