Move to Jagran APP

बिना लाइसेंस के हो रहा मीट बेचने का कारोबार

कासगंज संवाद सहयोगी जिले में दर्जनों स्थानों पर मीट का कारोबार होता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 05:57 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 05:57 AM (IST)
बिना लाइसेंस के हो रहा मीट बेचने का कारोबार
बिना लाइसेंस के हो रहा मीट बेचने का कारोबार

कासगंज, संवाद सहयोगी : जिले में दर्जनों स्थानों पर मीट का कारोबार होता है। मानकों को धता देकर खुले में ही पशुओं को काटा जा रहा है और उनका मीट बेचा जा रहा है। न तो काटने से पहले पशुओं का मेडिकल टेस्ट कराया जाता है और न ही कारोबारियों ने इसके लिए लाइसेंस लिए हैं। अवैध रूप से हो रहे इस कारोबार को लेकर जिम्मेदार आंखे मूंदे बैठे हैं।

loksabha election banner

मीट के कारोबार के लिए नगर पालिका में पंजीकरण कराने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा भी लाइसेंस जारी किए जाते हैं। नियम तो यह है कि पशुओं को काटने से पहले संबंधित पशु को चिकित्सालय में ले जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए और इसके बाद स्वस्थ्य पशु को ही काटा जाए। जिले में इन सभी मानकों की अनदेखी हो रही है। खुले में अवैध रूप से पशुओं को काटा जा रहा है। इन्हें रोकने-टोकने वाला भी कोई नहीं है। जिम्मेदार अवैध रूप से हो रहे इस कारोबार से अनभिज्ञ बने हुए हैं। जिले में पशुओं को काटने के लिए कोई बूचड़खाना पंजीकृत नहीं हैं। पशुओं को काटने से पहले उसके स्वास्थ्य परीक्षण का नियम है, लेकिन पशुओं को काटे जाने की सूचना कोई कारोबारी विभाग को नहीं देता है और न ही स्वास्थ्य परीक्षण कराता है।

- एके सागर, सीवीओ 2012 तक नगर पालिका में लगभग आधा दर्जन मीट कारोबारियों के पंजीकरण थे, लेकिन 2012 के बाद कोई भी पंजीकरण नहीं हुआ है।

- हर्षवर्धन, प्रभारी अधिशासी अधिकारी खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में कोई भी मीट कारोबारी पंजीकृत नहीं हैं। इनके पंजीकरण के लिए अभियान चलाया जाएगा।

- नादिर अली, अभिहित अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.