चैंबर पर अब आश्वासन नहीं, वायदा लेंगे नेताओं से..
जागरण संवाद में बोले अधिवक्ता-शिक्षा एवं चिकित्सा में पिछड़ा जिला विकास के लिए करेंगे वोट पेंशन एवं भत्ते की भी प्रत्याशियों से मांग
कासगंज, जागरण संवाददाता। सालों से तमाम उम्मीदों के साथ वोट दे रहे अधिवक्ताओं को हर बार निराशा मिली। कई बार मांग उठाई। राजनैतिक दलों का समर्थन भी मिला, लेकिन वायदे कोरे ही रहे। जागरण संवाद के मंच पर जब अधिवक्ताओं को अपनी बात रखने का मौका मिला तो हरेक की जुबां पर पिछड़ेपन का दर्द फूटा। दस वर्ष से अभी तक न्यायालय में चैंबर तक नहीं बन सके।
न्यायालय परिसर में अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह और हाकिम सिंह यादव ने कहा कि क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत जरूरतों का जिले में अभाव है। दीवानी न्यायालय में अधिवक्ताओं के चैंबर भी नहीं। मुख्यालय से जिला न्यायलाय का मार्ग जीर्णशीर्ण है। इससे अधिवक्ता हादसे के शिकार होते हैं। जनप्रतिनिधियों का इस तरफ ध्यान नहीं है। अमित कुमार और भगवान सिंह ने कहा जनप्रतिनिधियों का क्षेत्र की समस्याओं पर ध्यान नहीं है। 60 वर्ष की आयु के बाद पूर्ण करने के बाद वृद्ध अधिवक्ताओं को मासिक पेंशन देनी चाहिए। नए अधिवक्ताओं को मासिक भत्ता के रूप में दस हजार देने की मांग उठाई। देवेंद्र राजपूत और गौरव रायजादा ने उच्च न्यायालय की खंड पीठ कासगंज में बनाए जाने की मांग रखी। दल को दरकिनार कर विकास की बात करने वालों को वोट देना होगा। तय हुआ इस बार आश्वासन नहीं, नेताओं को वायदा करना होगा। संवाद में विनय यादव, आदेश कुमार सिसौदिया, राजकुमार शाक्य सहित आदि अधिवक्ता शामिल हुए।
--अधिवक्ताओं की बात--
'प्रैक्टिस में नए आने वाले अधिवक्ताओं को कम से कम तीन वर्ष तक 10 हजार रूपये मासिक किताब और अन्य भत्ते के रूप में देना चाहिए।'-दिनेश वर्मा
एडवोकेट
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'हमारे क्षेत्र में विकास पिछड़ा हुआ है। जनप्रतिनिधियो को विकास पर ध्यान देना चाहिए। हर वर्ग की सुविधा का ध्यान रखना चाहिए।'
-अलीम कुरैशी
एडवोकेट
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'राजनीति में जातिवाद खत्म होना चाहिए। हमें ऐसे सांसद को चुनना चाहिए, जो क्षेत्र की समस्याओं का निदान करे।'
-राहुल गुप्ता
एडवोकेट
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'हम सब विकास की सोच को लेकर मतदान करें। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास की जरूरत है।'
-सतेंद्र सिंह वैस
एडवोकेट