कवियों की भीड़ में कोई रंग नहीं है
-रंग के जन्मदिवस पर आयोजित हुई काव्य गोष्ठी -कव्य पाठ सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध कर दिया।
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-रंग के जन्मदिवस पर आयोजित हुई काव्य गोष्ठी
-कव्य पाठ सुन श्रोता हुए मंत्रमुग्ध
जासं, कासगंज: गीतकार एवं कवि स्वर्गीय बलवीर सिंह रंग के 107वें जनमदिवस के उपलक्ष्य में सोरों गेट स्थित गायत्री परिवार कार्यालय पर बुधवार रात काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक आरएस राजपूत थे।
गोष्ठी का शुभारंभ आरएस राजपूत पूर्व पालिकाध्यक्ष डॉ. शशिलता चौहान, डॉ. सुभाष चंद्र दीक्षित, कार्यक्रम अध्यक्ष रामप्रकाश पाल पथिक ने मां वाणी के चित्र समक्ष दीप प्रच्ज्वलित कर एवं रंग जी के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर किया। चिकित्सक सुरेंद्र गुप्ता ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कवि मनोज शर्मा ने अपनी कविता में कहा कि रंगजी एक कवि नहीं खुद में एक जान थे। कवि होरी लाल व्यास ने अपनी कविता में कहा कि रंग जी प्रतिभा को हम कैसे लिख पाएं। अखिलेश सक्सेना अपनी रचना कुछ इस तरह पढ़ी कवियों की भीड़ हर तरफ दिखती तो है पर इनमें से कोई भी एक रंग नहीं है। इस मौके पर शंक लाल, डॉ. अखिलेश गौड़, द¨वदर चंडौक, विमलेश अवस्थी, चक्रेश चंद्र गौड़ ने भी कविता पाठ किया। इस मौके पर वीरेंद्र सिंह, देवेंद्र शर्मा, दीपक जाखेटिया, संजय सिंह वर्मा, जयंत गुप्ता, कौशल अग्रवाल, अतुल सक्सेना, राजू चौहान, मोहित शर्मा, सर्वेश शारडा सहित आदि बड़ी संख्या में श्रोता मौजूद रहे।