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'सलीके से बुजुर्गो की निशानी कौन रखता है..'

प्रमुखता से-- फोटो नंबर पांच एवं छह हैडर : मार्गशीर्ष मेला -गंगा किनारे तुलसी की नगरी में गूंजी

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 10:43 PM (IST)
'सलीके से बुजुर्गो की निशानी कौन रखता है..'

प्रमुखता से--

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फोटो नंबर पांच एवं छह हैडर : मार्गशीर्ष मेला -गंगा किनारे तुलसी की नगरी में गूंजी काव्य की रसधार

-ठहाकों के बीच में नेताओं और हालत पर किए कटाक्ष

संवाद सूत्र, सोरों: शुक्रवार को गंगा किनारे तुलसीदास की नगरी सोरों में देर रात तक काव्य की फुहार गूंजी। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मौके पर संचालन कर रहे कवि शशिकांत यादव ने तुलसी के शहर में आयोजन को कुछ यूं बयां किया 'सलीके से बुजुर्गों की निशानी को याद कौन रखता है.'। देर रात तक चले कवि सम्मेलन में हास्य की फुहार के साथ में ठहाके गूंजते रहे तो विरह का दर्द भी यहां सुनाई दिया। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कवि एवं कवियत्रियों ने काव्य पाठ किया।

गंगा किनारे कंपकंपा देने वाली सर्दी में भी आधी रात के बाद तक कवि सम्मेलन ने श्रोताओं को बांधे रखा। गंगा सागर सेवा समिति के तत्वावधान में संपन्न कवि सम्मेलन का कवियित्री रुचि चतुर्वेदी ने मां शारदे की वंदना से शुभारंभ किया। कभी बेटी, कभी मां, कभी नारी में जीती हूं, मैं अपनी जिंदगी हर रोज उधार में जीती हूं.. गीत पढ़ा। कार्यक्रम का शुभारंभ डीएम आरपी सिंह, एसपी अशोक कुमार शुक्ल एवं भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी ने दीप प्रच्ज्वलन कर किया। कवि विष्णु सक्सैना ने कविताओं के जरिए युवाओं के दिल की बात रखते हुए कहा 'रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा आई लहर तो कुछ बचेगा नहीं, तुमने पत्थर का दिल हमको कह तो दिया पत्थरों पर लिखोगे तो मिटेगा नहीं।' कवियत्री अनीता सिंह ने कविता पढ़ी 'श्याम रंग का पहनकर चोला मैं तुझमें रंग जाऊंगी..।' कवि सम्मेलन में अशोक भाटी, अर्जुन सिसौदिया, चैतन्य चर्चित, सोनल जैन ने भी अपनी कविताओं से शमां बांधा। भाजपा, सपा से लेकर कांग्रेस तक के नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कवियों ने कहा नेता सह लेते हैं तो हम कह लेते हैं..। कार्यक्रम संयोजक गंगा सागर सेवा समिति अध्यक्ष श्यामसुंदर गुप्ता ने अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सतीश गुप्ता, नगर अध्यक्ष अखिलेश अग्रवाल, डॉ. फारुख ने कवियों को शॉल प्रतीक चिन्ह देकर उनका अभिनंदन किया। एडीएम योगेंद्र कुमार, सीओ गवेंद्र पाल गौतम, तहसीलदार ब्रह्मानंद कठेरिया, पालिकाध्यक्ष मुन्नीदेवी, पूर्णेंद्र सिंह सोलंकी, डॉ. बी.डी राना, सतीश भारद्वाज, उपेंद्र मिश्रा, सहित बड़ी संख्या में काव्य प्रेमी मौजूद रहे।

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कवियों ने अफसरों को भी नहीं बख्शा :

कवियों ने अफसरों को भी नहीं बख्शा तो संचालक ने तो मंच से अफसरों को कई बार निशाने पर लिया। हंसी-हंसी में मंच पर लंबे स्वागत कार्यक्रम पर भी कटाक्ष करते हुए लोगों को हंसा गए तो संचालक ने आयोजन स्थल की कई घटनाओं को ही हास्य में बदल जनता को गुदगुदाया। इस दौरान माइक की अव्यवस्था पर कई बार माइक वाला भी कवियों के हास्य कटाक्ष का शिकार हुआ।


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