आधा दर्जन दिव्यांग प्रमाण पत्र पाए गए फर्जी
विकलांग प्रमाण पत्र की ई-प्रक्रिया शुरू होते ही पूर्व में हुए फर्जीवाड़े खुलने लग गए हैं।
जासं, कासगंज: विकलांग प्रमाण पत्र की ई-प्रक्रिया शुरू होते ही पूर्व में हुए फर्जीवाड़े खुलने लगे है। हस्तलिखित प्रमाण-पत्रों का ऑनलाइन मिलान करने पर आधा दर्जन से अधिक दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। जालसाज वर्षों से इन प्रमाण-पत्रों के माध्यम से योजनाओं का लाभ ले रहे थे। सीएमओ कार्यालय से फर्जी प्रमाण पत्र निरस्त कर दिए गए हैं।
सरकार ने अब ई-प्रणाली तेजी से लागू की है तो फर्जीवाडे़ पर अंकुश लग रहा है। यहां तक कि पूर्व में हुई जालसाजी की भी कलई खुल रही है। इन दिनों दिव्यांग प्रमाण-पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे है और प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा रही है। ऐसे में कोई भी अपात्र दिव्यांग प्रमाण-पत्र नहीं ले सकता। अब तक जारी किए गए लगभग डेढ़ सौ प्रमाण-पत्रों की जांच के बीच पाया गया है कि आधा दर्जन दिव्यांग प्रमाण-पत्र जालसाजी कर तैयार कराए गए थे। जांच में पाया गया कि यह प्रमाण-पत्र पूरी तरह फर्जी है और प्रमाण-पत्र धारक दिव्यांग ही नहीं है। सीएमओ कार्यालय में फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र जब्त कर लिए गए और जालसाजों को नोटिस भी भेजा गया है। माना जा रहा है कि जालसाज फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। विभाग की मिलीभगत से यह प्रमाण-पत्र जारी कराए गए थे। सीएमओ ने इस ¨बदु पर भी जांच शुरू कराई है। अभी माना जा रहा है कि जांच में फर्जीवाडे़ की और भी कलई खुलेगी। यह है प्रक्रिया
पूर्व में आवेदक हस्तलिखित प्रति पर आवेदन करता था और सीएमओ कार्यालय से मनमाने ढंग से दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते थे। लेकिन ई-प्रणाली ने इन सब पर रोक लगा दी। अब ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा। दिव्यांग को सक्षम अधिकारी के समक्ष उपस्थित होना होगा, उसके बाद ही प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकेगा। मिल रहे फर्जी प्रमाण-पत्र
जांच में फर्जी प्रमाण-पत्र मिल रहे है। जो प्रमाण पत्र जारी किए गए है, उनमें आधा दर्जन से अधिक प्रमाण पत्र ऐसे है जो फर्जी थे। उन प्रमाण-पत्रों को निरस्त कर दिया गया है और जालसाजी करने वालों को नोटिस भेजा जा रहा है।
डॉ. नरेंद्र, सीएमओ कासगंज