फाइलों में दफन हो गए डेढ़ सौ अध्यापकों के जबाव-तलब
जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की व्यवस्था भगवान भरोसे है।
जासं, कासगंज: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां विभागीय आदेशों पर शिक्षकों की मनमानी हावी हुई है। निलंबन की चेतावनी भरे नोटिस या तो विभागीय बाबुओं की फाइल में दफन हो गए या फिर शिक्षक दबंगई दिखा रहे है। एक पखवाड़े बाद भी न तो कोई जबाव आया और न ही विभाग सुध ले रहा। नवागत बीएसए को तो शायद इन नोटिसों की जानकारी भी नहीं है।
मई माह में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जिले भर में निरीक्षण कराया गया। तत्कालीन बीएसए गीता वर्मा ने डेढ़ सौ शिक्षकों को लापरवाह पाया। उन्होंने देखा कि कहीं मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी थी तो कहीं शिक्षक पूरी तरह लापरवाही कर रहे थे। इस पर बीएसए ने डेढ़ सौ शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सभी को चेतावनी भरे लहजे में निर्देशित किया गया था कि एक सप्ताह में अपना जबाव दे, नहीं तो निलंबित कर दिया जाएगा। उस समय पूरे विभाग में खलबली मच गई। शिक्षक विभागीय बाबुओं को गणेश परिक्रमा करने लगे और कार्रवाई से बचाव के लिए मां लक्ष्मी की ओर इशारा कर रहे थे। हालांकि उस समय लेन-देन का खेल भी हुआ, तभी तो सात दिन बाद कोई स्मरण पत्र जारी नहीं हुआ। जो भी हो, इस कार्रवाई को एक पखवाड़े से अधिक का समय बीत गया है लेकिन किसी शिक्षक ने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया है और न ही कोई जबाव दिया। इस बीच बीएसए गीता वर्मा का स्थानांतरण हो गया और नवागत बीएसए अंजली अग्रवाल ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। इन नोटिसों के संबंध में नवागत बीएसए को जानकारी नहीं दी गई है। बैठकों में रही व्यस्तता
कार्यभार ग्रहण करने के बाद बैठकों का दौर चलता रहा। काफी व्यवस्तता रही है। वह कार्यालय में प्रत्येक बिदुंओं पर जानकारी कर रही है।
-- अंजली अग्रवाल, बीएसए