दर पर शौचालय, खेतों में दौड़
जिले में शौचालय का अनुदान लेकर भ् भ्भी कई लोग उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे। जिले में ऐसे पांच हजार से ऊपर परिवार हैं।
जागरण संवाददाता, कासगंज: जिला में हजारों परिवार दरवाजे पर सुविधा का इस्तेमाल करने में लापरवाह निकले हैं। जिले के सात ब्लॉक में 423 गांव हैं। इनमें से 162 गांवों में 5714 परिवार ऐसे निकले हैं, जो दरवाजे पर शौचालय होने के बाद भी खेतों की ओर दौड़ भरते हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में बनवाए गए ऐसे शौचालयों में ईंधन भरा है या ताला लगा है। इनमें से 1564 को तो चालू कराया गया है। अब प्रशासन ऐसे लाभाíथयों पर कार्रवाई करेगा।
स्वच्छ भारत का सपना साकार करने के लिए केंद्र सरकार घर-घर शौचालय पर जोर रही हैं। आíथक तौर से कमजोर पात्र ग्रामीणों को शौचालय बनवाने पर दो बार में बारह हजार का अनुदान भी मिलता है। केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद इसे निर्मल भारत के स्थान पर स्वच्छ भारत का नाम देकर और जोरदारी से चलाया गया। जिला में पिछले चार साल के दौरान हजारों शौचालय बनाए गए। जिले की 423 ग्राम पंचायतों को दो माह के दौरान खुले में शौच मुक्त करने के लिए जिला पंचायत राज विभाग जुटा हुआ है। अभी बीस हजार से ज्यादा शौचालय बनने को हैं।
जिला प्रशासन को जानकारी मिली कि लोग शौचालय बनवाने के लिए अनुदान तो ले रहे हैं, पर शौचालय बनवाकर उनका उपयोग नहीं कर रहे। इस पर जिला प्रशासन वर्ष 2014 के बाद बनाए गए शौचालयों का सर्वे शुरू कराया। सर्वे में शिकायतें सही मिल रहीं है। ऐसे तमाम परिवार सामने आए, जो दरवाजे पर शौचालय बनवाने के बाद भी खेतों की ओर दौड़ते मिले। जिला प्रशासन ने अब तक सात ब्लॉकों में 162 गांव का सर्वे किया है। इसमें 5714 ऐसे परिवार मिले, जिन्होंने केंद्र सरकार से शौचालय के लिए 12 हजार रुपये का अनुदान लिया, पर सुविधा का इस्तेमाल ही नहीं किया।
इनमें कई ऐसे थे जिनमें या तो ताला लगा था या ईंधन भरा हुआ था। सर्वे के दौरान जिला पंचायत राज विभाग और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की टीम ने इनमें से 1364 को तो ग्रामीणों को समझाकर इन शौचालयों को चालू करा दिया है। अब बंद शौचालयों के बारे में विभाग पड़ताल कराएगा। कारणों की जानकारी के बाद ऐसे शौचालयों को लेकर योजना बनाई जाएगी। नहीं मिल रहे लाभार्थी-
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े सूत्रों को कहना सर्वे के दौरान निष्प्रयोच्य मिले शौचालयों में से चार हजार ऐसे हैं, जिनके लाभार्थी अब और कहीं रहते हैं। ऐसे ग्रामीण साल में एकाध बार ही घर आते हैं, जिनमें उनका ईंधन आदि भरा रहता है। अब विभाग इन पर कार्रवाई करेगा। वर्जन-
निष्प्रयोच्य शौचालयों के लाभाíथयों को नोटिस दिए जाएंगे। इस्तेमाल नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी योजनाओं से भी वंचित किया जाएगा। -श्रीनिवास मिश्र, सीडीओ।