गंगा में उफान थमा, ग्रामीणों को राहत
नरौरा से एक लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इसके बावजूद शुक्रवार को गंगा में पच्चीस सेंटीमीटर जलस्तर कम हुआ।
जागरण संवाददाता, कासगंज: बैराजों से छोड़ जा रहे पानी की तादात में कमी आने से गंगा का उफान भी शांत होने लगा है। इससे तराई क्षेत्र के ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं।
हरिद्वार, बिजनौर के बाद नरौरा बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण कई दिन से उफान ले रही गंगा शुक्रवार को शांत नजर आई। नरौरा बैराज से पानी का डिस्चार्ज भी कम हुआ। शुक्रवार को बैराज से शुक्रवार को एक लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे गंगा का जलस्तर भी और दिनों से कम दिखा। गांवों की ओर बढ़ती गंगा को शांत देखकर ग्रामीण भी खुश नजर आए। जिले में 76 किलोमीटर में बहने वाली गंगा पहाड़ और मैदानों में हो रही बारिश के अलावा नरौरा बांध से छोड़ जा रहे पानी के कारण उफान ले रही थी। कई दिनों से नरौरा बैराज से गंगा में हर रोज एक लाख क्यूसिक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा था।
बैराज से इतनी तादात में पानी छोड़ जाने से जिला में मध्यम बाढ़ के हालात हो गए थे, तो एक दर्जन से ज्यादा गांवों के किनारे और आसपास पानी आ गया था। लहरा समेत कई गांवों की फसलें गंगा के पानी की चपेट में आ गई थी। शुक्रवार को नरौरा बैराज से एक लाख क्यूसिक पानी छोड़ जाने के बावजूद उफान कम दिखा।
कछला पुल पर बीते दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को पानी का स्तर बीस सेमी. कम था। गुरुवार को यहां पानी का स्तर 163.45 सेमी. था, जबकि शुक्रवार को यहां पानी का स्तर 163.25 सेमी दर्ज हुआ था। कई सेंटीमीटर पानी कम होने और गंगा के शांत होने से किनारों के आसपास बसे गांवों के लोग खुश नजर आए। फसलों में से भी पानी कम होने लगा है, ज्यादातर गन्ना की फसल ही पानी में डूबने से अभी नुकसान भी नहीं दिख रहा है।
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दिखने लगी कीचड़-
गंगा का जलस्तर कम होने से गांवों के पास जमा पानी भी पीछे हटने लगा है। लहरा गांव के किनारे आ लगा पानी अब काफी पीछे लौट गया है। पानी कम होने से गांव के पीछे गंदगी और कीचड़ दिखने लगी है। लहरा के कच्चे घाट तक तमाम स्थानों पर पानी भरा होने से श्रद्धालु गांव के पास आ गई गंगा में स्नान कर रहे हैं।