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न्यायादेश की अवहेलना पर कासगंज कोतवाल पर मुकदमा दर्ज

न्यायादेश की निरंतर अवहेलना करना कासगंज कोतवाली प्रभारी को महंगा पड़ गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jun 2018 11:38 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jun 2018 11:38 PM (IST)
न्यायादेश की अवहेलना पर कासगंज कोतवाल पर मुकदमा दर्ज

जासं, कासगंज: न्यायादेश की निरंतर अवहेलना करना कासगंज कोतवाली प्रभारी को महंगा पड़ गया। कोतवाल के आचरण से क्षुब्ध हो न्यायालय ने कासगंज कोतवाली प्रभारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इस पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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हुआ यूं कि जीआरपी थाना कासगंज का एक दंडिक वाद आयुध अधिनियम की संबंधित धारा के तहत राज्य बनाम करन ¨सह के नाम से प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट कासगंज अंकुर गर्ग के न्यायालय में विचाराधीन चला आ रहा है। आरोपित करन ¨सह के अनुपस्थित रहने के कारण उसको हाजिर कराने के लिए उसके विरुद्ध कई बार वारंट जारी किए गए। कासगंज कोतवाली प्रभारी ने न्यायालय द्वारा जारी वारंट को तामील अथवा अदम तामील न्यायालय को वापस नहीं भेजा। लिहाजा न्यायालय ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली प्रभारी को न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के आदेश देते हुए नोटिस जारी किया। इसमें लिखा गया कि कि क्यों न आपके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की जाए। इस पर कोतवाली प्रभारी ने स्वयं को अमांपुर ड्यूटी में व्यस्त होना बताया। लिहाजा कोर्ट ने अगली तिथि 26 मई, 2018 नियत की। स्पष्टीकरण न मिलने पर प्रथम न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकुर गर्ग ने कासगंज कोतवाली प्रभारी के आचरण से क्षुब्ध हो, कासगंज कोतवाली प्रभारी अशोक कुमार के विरुद्ध भादसं की धारा 221 के तहत एफआईआर दर्ज कराने के आदेश पुलिस अधीक्षक को दिए है। वहीं एसपी शिव हरि मीणा द्वारा न्यायादेश का पालन करते हुए कासगंज कोतवाली प्रभारी अशोक कुमार के विरुद्ध कासगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवा दी है। जिसकी विवेचना वरिष्ठ उपनिरीक्षक रामेश्वर दयाल को सौंपी गई है। अपराध सिद्ध होने पर हो सकता है कारावास

आयुध अधिनियम की संबंधित धारा के तहत आरोपित करन ¨सह को 10 वर्ष से कम का कारावास हो सकता था और ऐसे आरोपित के गिरफ्त में न आने को लेकर संबंधित मजिस्ट्रेट द्वारा भादसं की धारा 221 के तहत दर्ज कराए गए। अपराध के सिद्ध होने पर आरोपित को 2 वर्ष तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। उच्च न्यायालय की लेंगे शरण

सेशन न्यायालय से राहत न मिलने पर कोतवाली प्रभारी सेशन न्यायालय के आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। सीनियर की जांच जूनियर द्वारा की जाएगी

कासगंज कोतवाली प्रभारी अशोक कुमार के विरुद्ध दर्ज की गई एफआईआर की जांच उपनिरीक्षक रामेश्वर दयाल को सौंपी गई है। जिस पर प्रश्न उत्पन्न होता है कि क्या जूनियर अपने सीनियर के विरुद्ध जांच कर सकता है। जबकि विधि विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे प्रकरण में कम से कम सीओ स्तर के अधिकारी से जांच कराई जानी चाहिए।


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