हे भोले शंकर, चुभन दे रहे कंकड़
प्रशासन ने आंख मूंद रखी है खाकी पिछले साल तक कांवड़ियों की मदद करती थी, इस साल वो भी बंद हो गया।
जागरण संवाददाता, सोरों: वैसे तो शिव भक्तों को भगवान भोले की भक्ति में लीन होने के बाद कांटा और कंकड़ की चुभन नहीं लगती है, लेकिन अब जब पथरीले रास्ते पर पत्थर नुकीले हो गए हैं, तो नंगे पैरों में दर्द होने लगा है। पालिका और प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा। कांवड़ियों की सेवा के लिए कोई भी योजना तैयार नहीं हुई। खाकी ने भी अपनी चाल बदल ली। अब यहां सुरक्षा के विशेष इंतजाम नहीं है।
इन दिनों कावड़ लेकर शिवभक्तों का कारवां चल रहा है। लहरा घाट से लेकर सोरों की गलियों में घुंघरू की छन-छन और बम भोले के स्वर गुंजायमान हो रहे हैं। कासगंज की गलियां भी भोले की भक्ति में रंगी नजर आ रही हैं। सोरों तो मानो पूरी तरह सतरंगी होकर भगवान की आराधना में लीन है, लेकिन भोले भक्तों को अब दर्द हो रहा है। जो हर रोज असहनीय होता जा रहा है। कासगंज से लेकर लहरा घाट तक सड़कों का बुरा हाल है। गड्ढे हो तो कोई बात नहीं, लेकिन इन उबड़ खाबड़ सड़कों में नुकीले पत्थर है जो पैरों में चुभते हैं। दर्द से भोले के स्वर आह में बदल जाते हैं। इस ओर सोरों पालिका ने कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही कासगंज जिला प्रशासन ने प्रयास किया। प्रशासन लोक निर्माण विभाग, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग या किसी अन्य कार्यदाई संस्था को निर्देशित कर देता तो शायद टूटी सड़कों के घाव पर मरहम लग जाता और शिव भक्तों की चुभन भी कम होती, लेकिन किसी को कोई सरोकार नहीं रह गया है। अनदेखी आस्था पर भारी पड़ रही है। फिर भी शिव भक्तों का कारवां कराहते हुए भी मंजिल की ओर बढ़ रहा है। हर रोज सैकड़ों शिव भक्त लहरा से गंगाजल लेकर गंतव्य की ओर जा रहे हैं। -- कहां सो गई पालिका
तीर्थ नगरी के पुरोहितों में अब इस तरह की चर्चा है कि शिव भक्तों की ओर ध्यान क्यों नहीं है दिया जा रहा। पत्थरों से कांवड़ियों की परेशानियां बढ़ रही हैं और पालिका कोई कदम नहीं उठा रही। आखिर भावनाएं क्यों नहीं जाग रहीं। बम बम भोले के स्वर कभी-कभी आह की आवाज में भी बदलते है। तब खाकी ने बदली थी वर्दी
पिछले साल पुलिस की व्यवस्था सराहनीय थी और जिलेभर में चर्चाओं का विषय भी। पुलिसकर्मी शिव भक्तों की ड्रेस में जगह जगह तैनात किए गए थे। कांवड़ियों के कांधे जब थक जाते थे तो रास्ते में खड़े पुलिसकर्मी शिवभक्तों को अपना कंधा देकर राहत दिलाते थे। अब इस तरह की व्यवस्था तो दूर कहीं पेट्रो¨लग भी नहीं दिख रही। - जल्द होगा निर्माण-
लहरा से सोरों तक टूटी सड़कों के निर्माण का ठेका दे दिया गया है, जल्द ही काम शुरू होगा। पालिका कांवड़ियों की सेवा के लिए पूरी तरह तत्पर है।
- संतराम सरोज, अधिशाषी अधिकारी।
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सोरों से लहरा के बीच एक डायल सौ को लगाया है तो मोटर साइकिल पर भी पुलिसकर्मी गश्त करते हैं। अब इस सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त किया जाएगा।
-रिपुदमन ¨सह, कोतवाली प्रभारी।