हत्या के प्रयास में आरोपित ने की खुदकशी, हंगामा
नगर के मुहल्ला मोहन में पुलिस दबिश से भयभीत बाल्मीकि युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक हत्या के प्रयास में आरोपित था और पुलिस उसकी गिरफतारी को दबिश दे रही थी।
जागरण संवाददाता, कासगंज: नगर के मुहल्ला मोहन में पुलिस दबिश से भयभीत बाल्मीकि युवक ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। आक्रोशित परिजनों ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। पोस्टमार्टम गृह पर तोड़फोड़ की और लगभग आधा दर्जन परिजनों ने खुद के शरीर पर केरोसिन डाल आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस प्रशासन उन्हें समझाकर शांत किया। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। अधिकारियों ने घटना की हकीकत जानने के लिए जांच शुरू कर दी है।
चार दिन पहले नगर के एक युवक और उसके साथियों ने बालक को काली नदी में डुबोकर मारने की कोशिश की। इस आरोप में मुहल्ला मोहन निवासी 20 वर्षीय अरुण पुत्र राजवीर, सबला पुत्र सुभाष, आनंद पुत्र संजय, छोटू पुत्र हरबिलास और धीरज पुत्र धनीराम के विरुद्ध शहर कोतवाली में मुहल्ले की ही रहने वाली महिला जेपी ने मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में कोतवाली पुलिस आरोपितों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिशें से दे रही थी। मुहल्ला मोहन में आरोपित अरुण के घर कई बार दबिश दी गईं।
आरोप है कि पुलिस ने धमकी दी थी कि यदि अरुण जल्द ही कोतवाली नहीं पहुंचा तो घर में तोड़फोड़ कर दी जाएगी और अन्य परिजनों को भी जेल भेज दिया जाएगा। दबिशें और धमकी से भयभीत होकर अरुण ने सोमवार दोपहर घर के कमरे में फांसी के फंदे पर झूल गया। इससे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने फांसी के फंदे पर अरुण का शव झूलते देखा तो उनके होश उड़ गए। जानकारी कोतवाली पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने अरुण के शव को फंदे से नीचे उतारा। इस बीच परिजनों का आक्रोश सातवें आसमान पर था। वह पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। मुहल्ला मोहन में जमकर हंगामा हुआ। पुलिस के आश्वासन पर शव पोस्टमार्टम गृह तक ले जाया गया। यहां ससुराल से मृतक की बहन भी पहुंच गई, तब तो और भी हंगामा शुरू हो गया। बहन की भावनाएं रोती देख अन्य परिजन फिर से आक्रोशित हो उठे। पहले तो पोस्टमार्टम गृह पर तोड़फोड़ की गई और फिर बहन संग अन्य परिजनों ने स्वयं के शरीर पर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने किसी तरह परिजनों को बचाया।
सूचना पर सीओ सिटी र¨वद्र गौतम पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। यहां उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। यदि पुलिस के दबाव में युवक ने खुदकशी की है तो कार्रवाई जरूर होगी। इसके बाद परिजनों का आक्रोश शांत हुआ। पोस्टमार्टम के बाद शव कड़ी सुरक्षा के बीच अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया। यहां खाकी के साए में शव का अंतिम संस्कार किया गया। मामले में पुलिस हकीकत जानने को जांच करा रही है।
तब आनन फानन में हुआ पोस्टमार्टम
वैसे तो पोस्टमार्टम गृह पर लापरवाही का आलम रहता है। सोमवार को कुछ देर तक शव रखा रहा। पहले तो पोस्टमार्टम के लिए कोई चिकित्सक नहीं आया। पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रोश बढ़ा तो चिकित्सकों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई। फिर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने ले ली बेटे की जान
मेरा बेटा आरोपी नहीं था। फिर भी पुलिस उसे जबरन जेल भेजने की धमकी दे रही थी। बार-बार घर पर दबिश देकर परिजनों को भी प्रताड़ित किया जा रहा था। पुलिस के दबाव में मेरे बेटे ने खुदकशी कर ली। -राजवीर ¨सह, पिता।
अरुण समेत पांच आरोपित थे-
बालक को पानी में डुबोकर मारने के मामले में अरुण समेत पांच आरोपित थे। पुलिस जांच कर रही है। शेष आरोपितों को जल्द ही पकड़ा जाएगा।
-शिवहरी मीणा, एसपी।