सिमटेगी बाढ़ तो फैलेगी बीमारियां
बाढ़ कम हो रही है। गंगा का पानी घट रहा है लेकिन इसके बाद बीमारियां फैलने की आशंका पैदा हो गई है।
जासं, कासगंज: पतितपावनी का रौद्र रूप भले ही कम हो रहा है लेकिन गांव को स्पर्श कर चुका गंगा का पानी अब ग्रामीणों को घाव देकर उनका दर्द बढ़ाएगा। सिमटती गंगा दलदल को बढ़ावा देगी। ऐसे में बीमारियां फैलना स्वाभाविक है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर सभी चिकित्सकों की आपात छुट्टियां रोक दी है।
पिछले महीने से पहाड़ों पर हो रही बरसात ने गंगा नदी में उफान ला दिया। गंगा का उफान पहले तो फसलों में जमा हो गया। उसके बाद धीमे-धीमे बैराजों का पानी का दबाव बना तो पानी कई जगहों पर रास्ता बनाकर गांव में पहुंच गया। उसके बाद हालात बदतर हो गये। बैराजों से पानी कम हुआ तो फिर भी गांव में जमा पानी निकला नहीं। अब वमनपुरा, सहवाजपुर, किलौनी, किसौल सहित कई गांव में पानी दलदल का रूप ले रहा है। यहां मच्छरों की आबादी बढ़ गई है। सिमटती गंगा बीमारियों का संकेत दे रही है। कुछ ग्रामीण मलेरिया से पीड़ित हैं। सीएमओं नरेंद्र ¨सह ने तैनात किए गए चिकित्सकों को निर्देश दिए है कि वह तराई क्षेत्र में नजर रखें। कहीं बीमारियों की जानकारी मिले तो तत्काल पहुंचे।
पानी का डिस्चार्ज
गुरुवार को गंगा नदी में हरिद्धार बैराज से 45 हजार, बिजनौर से 68 हजार और नरौरा से 1.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कछला ब्रिज पर पानी 163.50 मीटर से घटकर 163.45 मीटर तक पहुंच गया है। लेकिन अभी भी लो फ्लड के हालात है।
सचेत हैं चिकित्सक
बाढ़ प्रभावित इलाकों से बीमारियों की सूचना नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। जिम्मेदार चिकित्सकों को सचेत कर दिया गया है। चिकित्सक तराई क्षेत्र में नजर बनाए हुए हैं। नरेंद्र कुमार, सीएमओ