बाल श्रम दिवस: विभाग के संग स्वयं सेवी संगठन भी भूले बाल श्रम विरोधी दिवस
बाल श्रम दिवस विभाग के संग स्वयं सेवी संगठन भी भूले बाल श्रम विरोधी दिवस - ढाबों पर बर्तन धोकर मजदूरी करते गुजरा दिन - बाल श्रम कानून का नहीं हो रहा पालन
कासगंज, जागरण संवाददाता। भले ही देशभर में श्रमिक, स्वयंसेवी संगठन और सरकारें 12 जून को बाल श्रम विरोधी दिवस मनाती हैं। सरकार बाल श्रम को समाप्त करने के लिए बड़े-बड़े दावे करती हैं, लेकिन जिले में बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
बुधवार को विश्व बाल श्रम दिवस था न तो जागरूकता कार्यक्रम हुए और न ही कहीं कोई कार्रवाई। तमाम बच्चे नहीं जानते कि बाल श्रम दिवस क्या है उनका तो दिन में रोटी कमाने के लिए होटल ढाबों पर झूठे बर्तन धोकर व मजदूरी करता हैं, जहां सरकार के सर्वशिक्षा अभियान के तहत बच्चों को शिक्षित करने का जिम्मा शिक्षा विभाग को दिया गया है, लेकिन आज भी अधिकांश बच्चे शिक्षा ग्रहण न कर परिवार में भरण-पोषण के लिए होटल और ढाबों पर कार्य करते नजर आते हैं। जबकि सरकार इनकी रोकथाम के लिए विश्व बाल दिवस मनाती है। जनपद में बाल श्रम कानून मखौल बनकर रह गया है, यहां इस कानून की धज्जियां उड़ रही हैं। होटल, ढाबों, दुकानों पर मजदूरी करने बाल श्रमिकों की बहुत संख्या है, लेकिन जिम्मेदारी से विभाग अंजान बना हुआ है और सरकार का बाल श्रम रोकने का दावा खोखला साबित हो रहा है। होटल संचालकों द्वारा इन बच्चों से बेहद काम लिया जाता है। कुछ छोटे बच्चे अपने छोटे मोटे कारोबार में संलिप्त है। जो ई-रिक्शा चलाते है फल आदि की रेहड़ी लगाते हैं। तमाम बच्चे कूड़ेदानों से कवाड़ा भी बीनते हैं।
नहीं मिलती उचित मजदूरी
बाल श्रम करने वाले बच्चे कहीं न कहीं मजबूर होते हैं। सही मायने में इन बाल मजदूरों को उचित मजदूरी भी नहीं मिलती और काम भी अधिक लिया जाता है। समय समय पर विभाग द्वारा अभियान चलाया जाता है और कार्रवाई भी की गई हैं। शासन के आदेश पर 11 जून से अभियान शुरू किया गया है जिसके तहत पहले चरण में जागरूकता कार्यक्रम किया गया है। यह अभियान 25 जून तक चलेगा।
एके सिंह श्रम उपआयुक्त
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