दूध से बेवफाई पर खूंटे ने दी गवाही
नरदौली में गोवंश आजाद होते ही पहुंचे मालिक के यहां -बेसहारा गोवंश को अपना मान ही नहीं रहे थे ग्रामीण
कासगंज, जासं। जिन गायों का महीनों तक दूध पीया, बांझ होने पर उन्हें ही बेसहारा बना दिया। उन्हें घेरकर एक चहारदीवारी में कैद भी कर दिया। अफसर ने जब पूछा तो सबने उन्हें अपना मानने से ही इन्कार कर दिया। मगर, आजाद होते ही गोवंश आदतन सीधे अपने-अपने मालिक के घर पहुंच गई। गायों के घर पर रुकते ही ग्रामीणों की बोलती बंद हो गई।
नरदौली में रविवार को ग्रामीणों ने करीब सौ गोवंश को इधर-उधर से घेरकर गांव स्थित पानी की टंकी परिसर में कैद कर दिया। रविवार को एसडीएम धीरेंद्र कुमार ने इन्हें मंडी स्थित आश्रय स्थल भिजवा दिया। सोमवार को एसडीएम धीरेंद्र और सीओ सहावर रवींद्र कुमार यहां आए। अफसरों को कई गायें ऐसी नजर आई जो कहीं से बेसहारा नहीं दिख रही थीं।
एसडीएम ने ग्रामीणों से पूछा भी, मगर किसी ने भी इन गायों को अपना नहीं बताया। इस पर एसडीएम ने गोवंश को आजाद करने का आदेश दिया। जैसे ही गोवंश को खोला गया, गायें इधर-उधर जाने के बजाए गांव की ओर चल पड़ीं। देखते ही देखते तमाम गायें गांव में अपने मालिक के घर पर आकर रुकीं। पीछे-पीछे आ रहे अफसरों ने इस पर ग्रामीणों को फटकार लगाई। ग्रामीणों को कोई जवाब देते नहीं बना।
उधर, हिम्मतपुर बझेरा में भी करीब दो दर्जन बेसहारा गायें ग्रामीणों की निकलीं। प्रीतम नगर हरौरा में बंधक बनाया गोवंश भी ग्रामीणों का था।
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'नरदौली में गायों को बंधक बनाने वाले ग्रामीणों पर कार्रवाई होगी। पशुओं को खुला छोड़ संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धारा के तहत हम कार्रवाई करेंगे। अगर किसी भी ग्रामीण ने पालतू गोवंश छोड़ा तो मुकदमे के साथ में आíथक दंड लगाया जाएगा।'
-आरपी ¨सह
जिलाधिकारी