Move to Jagran APP

बढ़े हाथ तो साफ हो गए गंगा किनारे

कहीं पॉलीथिन बिखरी पड़ी थी तो किनारों पर निष्प्रयोज्य सामग्री फैली हुई थी। दैनिक जागरण में समाचार प्रकाशित होने के बाद नगर पालिका जागी और अपने सफाई कर्मचारी भेजे। इसके बाद घाट साफ हो गये।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 05:01 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 11:14 PM (IST)
बढ़े हाथ तो साफ हो गए गंगा किनारे
बढ़े हाथ तो साफ हो गए गंगा किनारे

जागरण संवाददाता, सोरों: कहीं पॉलीथिन बिखरी पड़ी थी तो किनारों पर निष्प्रयोच्य सामग्री फैली हुई थी। किनारों पर तमाम कपड़े और बेकार सामान पड़ा था। ऐसी गंदगी से मन खराब हो रहा था तो श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही थी। जागरूकता के अभाव में गंगा के किनारे बिखरी गंदगी हवा के साथ पानी में समाहित हो रही थी।

loksabha election banner

सोरों के लहरा घाट पर त्योहार और पर्व पर गंगा स्नान का पौराणिक महत्व है। बदलते परिवेश में आज भले ही श्रद्धालु बदायूं के कछला घाट की ओर दौड़ लगा रहे हों, लेकिन शांत, निर्मल, स्वच्छ गंगा का पानी लहरा पर ही है। गंगा के इस लहरा घाट जागरूकता के अभाव में श्रद्धालु गंदगी फैलाते हैं। कोई अपने कपड़े नहाने के बाद गंदगी जल में डाल जाता है तो कोई पूजा के नाम पर पॉलिथीन में दूध और फूल मालाएं और अन्य सामग्री प्रवाहित कर जाता है। श्रद्धालुओं की इस गंदगी को गंगा में प्रवाहित होने से रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यदा कदा नगरपालिका ही पर्व पर स्नान के बाद दूसरे- चौथे दिन कर्मचारियों को भेजकर इस गंदगी को साफ करा देती है।

शुक्रवार को लहरा घाट पर गंदगी होने का समाचार जागरण में प्रकाशित हुआ तो नगर पालिका ने अपने सफाई कर्मचारियों को किनारों पर भेज दिया। सुबह से ही गंगा किनारे स्वच्छता दिखाई देने लगी। कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं द्वारा छोड़ी गई गंदगी के अलावा स्थानीय दुकानदारों के प्लास्टिक कप आदि सामग्री एकत्र कर गंगा के किनारों से दूर फिंकवाया। राजस्थान के चूरु से आए कुंदनलाल का कहना है कि नगर पालिका और प्रशासन को इस घाट पर व्यवस्थाएं करनी चाहिए। श्रद्धालुओं को जागरूक करना चाहिए, जिससे वह गंदगी नहीं फेंक सकें। दौसा से आई शांति देवी का कहना था कि गंगा किनारे पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री साल में आते हैं। इस घाट पर महिलाओं के वस्त्र बदलने की कोई व्यवस्था नहीं है, वस्त्र बदलने के दौरान महिलाओं को शर्मसार होना पड़ता है। प्रशासन और नगर पालिका को यहां महिलाओं के वस्त्र बदलने का इंतजाम करवाना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.