कुछ खिला दो, मिलती है सिर्फ ढाई रोटी
जांच करने आई बाल आयोग की सदस्य बदहाली देख हुईं नाराज वर्ष 2017 से अभी तक नहीं हुआ है संस्था का नवीनीकरण
कासगंज, जागरण संवाददाता। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग सदस्य डॉ.शुचिता चतुर्वेदी के निरीक्षण में बालगृह नगला चीता का सच उजागर हो गया। फटे एवं मैले कपड़े पहने बच्चे उनकी साड़ी पकड़ कर खींचने लगे। पूछा तो पता चला बच्चों को सुबह शाम मात्र ढाई-ढाई रोटी आलू की सब्जी के साथ मिलती है। रसोई में सब्जी बनती मिली। रजिस्टर में धनिया, राजमा एवं चावल की खरीद दिखाई थी, लेकिन मौके पर चावल का एक दाना भी नहीं मिला।
डॉ. शुचिता को बाल आयोग ने एक शिकायत पर जांच के लिए भेजा था। पूर्वाह्न 11 बजे करीब वह बाल गृह पहुंची तो हालात देख दंग रह गईं। यहां पर 13 बच्चे थे। किसी के पैर में चप्पल नहीं थी। कुछ के कपड़े फटे थे। गरम कपड़े भी बदन पर नहीं थे। संस्था का 2017 से नवीनीकरण नहीं हुआ था। इस पर भी बालगृह का संचालन होने पर उन्होंने हैरानी जताई। बच्चों ने मारपीट की भी शिकायत की। उन्होंने बताया कि शाम को एक युवक आता है वही मारपीट करता है। संचालक हरिओम वर्मा ने बताया कि उक्त युवक केंद्र अधीक्षक है। डॉ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि निरीक्षण में तमाम खामियां मिली हैं। इस संबंध में शासन व आयोग को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। डीएम से जांच करने के लिए कहा है। दवा की शीशी तक नहीं खुलीं: बालगृह में हीटर भी चोरी की बिजली से चलता हुआ मिला। इस पर बाल आयोग सदस्य ने नाराजगी जताई। वहीं यहां पर भेजी गई सरकारी दवाओं की डिब्बियां सील मिलीं। अफसरों ने दिखाया खेल का सामान, मौके पर खुली पोल:
डॉ.चतुर्वेदी ने कहा कि अफसरों की रिपोर्ट में स्कूल में खेल का सामान दिखाया गया है, लेकिन मौके पर कोई सामान नहीं मिला। संदूक में कैरम मिला, लेकिन उसकी गोटी नहीं थीं। क्रिकेट की बॉल भी नहीं थी। डीएम कराएंगे जांच:
डॉ.चतुर्वेदी ने डीएम आरपी ¨सह से मिलकर पूरे मामले की जांच करने को कहा। इस पर डीएम ने कमेटी बना कर बाल गृह की जांच कराने का आश्वासन दिया। वहीं शाम को उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ में समीक्षा की।