करवाचौथ पर चमका व्यापार, दीपावली से भी जगी उम्मीद
कुंभकारों ने दीपावली के लिए दीपक का स्टाक तैयार किया। वह भगवान की मूर्ति बिक्री के लिए लेकर आए हैं।
कासगंज, संवाद सहयोगी। कोरोना के चलते कुंभकारों का व्यापार प्रभावित हुआ था, लेकिन करवाचौथ पर्व पर करवों और सकोरों की अपेक्षा से अधिक बिक्री होने से व्यापार में चमक आई है। जिससे कुंभकारों को दीपावली से भी उम्मीद जागी है। कुंभकार दीपक का स्टाक तैयार कर रहे हैं। पूजा के लिए भगवान की मूर्तियां भी बाहर से खरीद कर लाए हैं।
लाकडाउन मार्च में लगा है। अप्रैल के प्रारंभ से ही घड़े और सुराई की बिक्री शुरू हो जाती थी, लेकिन कोरोना में लोगों ने ठंडे पानी से गुरेज किया, जिससे इसकी बिक्री भी प्रभावित हुई। कुंभकारों के यहां सुराई और घड़े के स्टाक लगे हुए हैं। इससे कुंभकार मायूस हो गए। उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हुई, लेकिन करवाचौथ पर्व पर करवे और सकोरों की अपेक्षा से अधिक बिक्री हुई। कुंभकार मानते हैं कि पहले महिलाएं स्टील और तांबे के बने सागर और लोटे से चंद्रमा को अर्घ देती थीं। इससे करवों की भी मांग घट गई है, लेकिन इस बार इनकी जमकर बिक्री हुई। इनकी मांग बढ़ी। अब कुंभकारों को दीपावली पर भी अच्छे कारोबार की उम्मीद नजर आ रही है। पहले सादा मिट्टी के बने करवे बिकते थे, लेकिन आधुनिक समय में रंगीन और आकर्षक करवे बाजार में उपलब्ध रहे। इससे महिलाओं का इनके प्रति आकर्षण रहा। इसी के चलते इनकी मांग बढ़ी।
ज्ञान सिंह, कुंभकार, बिलराम गेट धीरे-धीरे मिट्टी के बर्तनों की ओर लोगों का रूझान बढ़ रहा है। उम्मीद है कि इस बार दीपावली पर्व भी दीपों की अच्छी बिक्री होगी, क्योंकि सादा दीपों के अलावा रंगीन और आकर्षक दीपों का स्टाक किया गया है।
लक्ष्मण सिंह, कुंभकार, सरकुलर रोड यहां से आती हैं मूर्तियां और आकर्षक दीए
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