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अस्थि विसर्जन के साक्षी बनेंगे हरिपदी के पक्के घाट

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां सोरों की हरिपदी पर विसर्जित की जाएंगी। हरिपदी के घाटों को पक्का कराने में अटल का योगदान है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 10:46 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 10:46 PM (IST)
अस्थि विसर्जन के साक्षी बनेंगे हरिपदी के पक्के घाट
अस्थि विसर्जन के साक्षी बनेंगे हरिपदी के पक्के घाट

जागरण संवाददाता, कासगंज: भगवान वराह की उद्भव और मोक्षस्थली सोरों की हरिपदी गंगाजी के घाट अटलजी की अस्थियों के विसर्जन के साक्षी बनेंगे। मोक्ष की नगरी की इस गंगाजी के घाटों को पक्का कराने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री को ही जाता है। गंगाजी में देश के कई राजनेताओं की अस्थियां विर्सिजत हो चुकी है तो तमाम राजा-महाराजों को पुण्य मोक्ष भी यहीं मिला है। लखनऊ से अस्थियों को कासगंज लाने का जिम्मा राज्यमंत्री मंत्री सुरेश राणा को मिला है, जबकि यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा आदि राजनेता शामिल होंगे।

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तीर्थ नगरी की हरिपदी गंगाजी को अचला का मान मिला है। इसी गंगाजी में अस्थियों को विर्सिजत करने की सदियों पुरानी परंपरा भी है। वराह पुराण के अनुसार, भगवान वराह ने पृथ्वी को असुर राज हिरण्याक्ष से मुक्त कराने के लिए सोरों की धरा पर अवतार लिया और यहीं मोक्ष लिया था। ऐसे में तभी से इस गंगाजी में ही अस्थियां विर्सिजत करने की परंपरा चली आ रही है। इस गंगाजी में विर्सिजत की जाने वाली अस्थियां 48 घंटों में ही पानी में घुल जाती हैं। अस्थियों के पानी में मिलने का आजतक कोई रहस्य भी नहीं पता कर सका है।

आज से 49 साल पहले तीर्थ नगरी की इस गंगा के घाट कच्चे थे। कर्म कांड और स्नान में परेशानी होती थी। जनसंघ के संगठन को मजबूत करने सन 1969 में यहां आए अटलजी ने गंगाजी में स्नान करने के बाद इसके घाटों को पक्का करने का अटल वादा यहां के पालिकाध्यक्ष से लिया। दो साल बाद गंगाजी पर पहला घाट बना तो लोकापर्ण के लिए भी अटलजी को बुलाया गया। इस दौरान उन्होंने गंगाजी में डुबकी लगाई, इसके बाद ही यहां के सभी घाटों के पक्का किए जाने का काम शुरू हुआ। अब 47 साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री भले ही सशरीर नहीं आ रहे, लेकिन उनकी अस्थियों के यहां विसर्जन को लाने से हरीपदी के घाट एक बार फिर पुरानी यादों के साक्षी बनेंगे।

तमाम हस्तियों की हुई हैं अस्थियां विर्सिजत:हरीपदी गंगाजी में तमाम हस्तियों की अस्थियां विर्सिजत हुई हैं। आजादी से पहले यहां भरतपुर, जयपुर के अलावा ग्वालियर और मध्य प्रदेश के तमाम राजा-महाराजों की अस्थियां भी इसी गंगाजी में विर्सिजत हुई हैं। साहित्यकार डॉ. राधाकृष्ण दीक्षित ने बताया कि हरीपदी गंगाजी में इनके अलावा आजाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, महारानी ¨सधिया, राजा मान¨सह, पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी की धर्मपत्नी और पूर्व सीएम दिग्विजय ¨सह की धर्मपत्नी की अस्थियां इसी गंगाजी में विर्सिजत हुई हैं।

स रेश राणा को मिली जिम्मेदारी:

प र्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजयेपी की अस्थियों के कलश को लखनऊ से कासगंज तक ले जाने के लिए प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सुरेश राणा को जिम्मेदारी दी गई है। कासगंज से इस अस्थि कलश यात्रा में पूर्व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा, सांसद राजवीर ¨सह और राज्यमंत्री संदीप ¨सह आदि भाजपा पदाधिकारी इसमें शामिल होंगे।


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